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    भारत ने दिखाई ताकत: 'प्रलय' मिसाइल का 2 बार सफल परीक्षण, हवा में बदल सकती है रास्ता

    By Lava PandayEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 04:34 PM (IST)

    भारत ने 31 दिसंबर 2025 को अब्दुल कलाम द्वीप से स्वदेशी 'प्रलय' मिसाइल का एक घंटे में दो बार सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ द्वारा विकसित यह अर्ध-बैलिस्टिक ...और पढ़ें

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    प्रलय मिसाइल का सफल परीक्षण। फोटो जागरण

    लावा पांडे, बालेश्वर। भारत की स्वदेशी ज्ञान कौशल से निर्मित कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली प्रलय मिसाइल का आज बुधवार 31 दिसंबर 2025 को अब्दुल कलाम द्वीप से लगातार एक घंटे के अंतराल में दो-दो बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।

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    Pralay Missile को अर्ध बैलिस्टिक सामरिक मिसाइल माना जाता है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। इसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक है और यह उड़ान के दौरान अपना रास्ता बदल सकती है, जिससे यह इंटरसेप्टर मिसाइलों को चकमा देने में पूरी तरह सक्षम है। यह दुश्मन के ठिकानों को सटीक निशाना लगाने में सक्षम मानी जाती है।

    1000 किलोग्राम तक हथियार ले जाने में सक्षम

    यह भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार माना जाता है। यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है तथा अर्ध बैलिस्टिक सामरिक मिसाइल (SRBM) मिसाइल मानी जाती है। यह 150 किलोमीटर से लेकर 500 किलोमीटर तक प्रहार करने की ताकत रखती है।

    यह मिसाइल ठोस ईंधन पर चलती है। इसकी खासियत यह भी है कि यह हवा में अपना रास्ता बदल सकती है, जिससे इंटरसेप्टर मिसाइलों से बचना आसान हो जाता है।

    यह मिसाइल 350 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है, जिसमें कवच रोधी वारहेड भी शामिल है। इसे मल्टी एक्सल ट्रैक (TEL) पर ले जाया जा सकता है और तेजी से तैनात किया जा सकता है। अत्याधुनिक नेविगेशन और एवियोनिक्स से लैस यह मिसाइल सटीक निशाना लगाने में पूरी तरह सक्षम मानी जाती है।

    2022 में हुई तैयार, अब किया गया परीक्षण 

    इस मिसाइल की एक महत्वपूर्ण खासियत यह भी है कि परमाणु हथियारों के बिना भी दुश्मन को प्रभावी जवाबी कार्रवाई करने में पूरी तरह सक्षम है। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है तथा सन् 2022 में यह मिसाइल सेवा के लिए पूरी तरह तैयार हो गई थी।

    इस मिसाइल का कई-कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। आज इसके परीक्षण को देखते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे DRDO टीम को बधाई का पात्र बताया है। वहीं, DRDO के अध्यक्ष समीर वी कामत ने भी आज के सफल परीक्षण को देखते हुए डीआरडीओ के पूरे दल को बधाई का पात्र बताया है।

    सूत्रों की माने तो आने वाले चंद दिनों में भारत और कई पुराने तथा नए अत्याधुनिक मिसाइलो का परीक्षण करने की तैयारी में जुट चुका है जिसमें कई पुराने मिसाइलो का आधुनिकरण भी किया जा रहा है।