ओडिशा पर मंडराया बाढ़ का खतरा, खोले गए हीराकुद बांध के 16 गेट
संबलपुर में सितंबर के अंत में भारी बारिश के कारण हीराकुद बांध के गेट फिर से खोलने पड़े। बुधवार को 8 और गेट खोलकर महानदी में बाढ़ का पानी छोड़ा गया जिससे तटीय जिलों में खतरा बढ़ गया है। वर्तमान में बांध के 16 गेट खुले हैं और जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए और गेट खोले जा सकते हैं।

संवाद सहयोगी, संबलपुर। सितंबर महीने के शेष सप्ताह में आमतौर पर बारिश नहीं के बराबर होती है, लेकिन इस वर्ष सितंबर के शेष सप्ताह में भारी बारिश से हीराकुद बांध के बंद गेटों को फिर से खोलना पड़ रहा है।
बुधवार की सुबह से लेकर अपरान्ह तक बांध के और 8 गेटों को खोलकर महानदी में बाढ़ का पानी छोड़े जाने से महानदी तट के जिलों के लिए खतरा पैदा हो गया है। हीराकुद बांध के 16 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है। बांध के जलभंडार के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए अगले कुछ घंटों में और कुछ गेट खोले जाने की संभावना है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते 24 घंटों के दौरान हीराकुद बांध के ऊपरी मुहाने पर 41.72 मिमी और निचले मुहाने पर 66.21 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। उधर, कुछ दिन पहले ही बांध का जलस्तर अपने अधिकतम लेवल 630 फुट पर पहुंच चुका था।
बाढ़ का पानी जलभंडार में प्रवेश किया
ऐसे में, बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बीते सप्ताह एक गेट, फिर दो गेट खोला गया था। बावजूद इसके बाढ़ का पानी जलभंडार में प्रवेश करने से 21 सितंबर के दिन 4 गेट और 23 सितंबर को और 4 गेट खोला गया।
इसके बाद 24 सितंबर को दो चरणों में और 8 गेट खोला गया। वर्तमान 16 गेट खोलकर महानदी में पानी छोड़ा जा रहा है। बांध नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 24 सितंबर की शाम छह बजे तक बांध का जलस्तर 629.58 फुट रिकॉर्ड किया गया।
इस दौरान बांध के जलभंडार में प्रति सेकंड 2 लाख 15 हजार 637 घनफुट पानी प्रवेश कर रहा था और 16 गेटों से प्रति सेकंड 2 लाख 98 हजार 224 घनफुट पानी महानदी में छोड़ा जा रहा था।
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