पुरी के जगन्नाथ मंदिर में दिखा अद्भुत नजारा, नीलचक्र के ध्वज पर बैठा गरुड़; शुभ संकेत या अपशगुन?
ओडिशा के Jagannath Temple में मंगलवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। एक गरुड़ मंदिर के नीलचक्र पर लगे पतितपावन ध्वज पर आकर बैठ गया जिसे देखकर श्रद्धालु हैरान रह गए। कुछ लोगों ने इसे अशुभ संकेत माना जबकि कई भक्तों ने इसे भगवान जगन्नाथ की दिव्य लीला और शुभ संकेत बताया। मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इससे दैनिक पूजा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भगवान जगन्नाथ के श्रीमंदिर में मंगलवार को एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। श्रद्धालु उस वक्त हैरान रह गए, जब एक गरुड़ सीधे मंदिर के नीलचक्र पर लगे पतितपावन ध्वज पर आकर बैठ गया।
परंपरागत मान्यताओं के कारण इस घटना को कई लोग अशुभ संकेत मानकर चिंतित नजर आए, तो वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने इसे भगवान जगन्नाथ की दिव्य लीला बताते हुए शुभ संकेत माना।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गरुड़ कुछ देर तक Jagannath Temple के ऊपर मंडराने के बाद पतितपावन ध्वज पर बैठ गया। कुछ क्षण रुकने के बाद वह उड़ गया। इस दौरान मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं ने अपने मोबाइल कैमरों से इस दुर्लभ नजारे को कैद कर लिया।
ओडिशा में ऐसी घटनाओं को आम तौर पर अपशकुन के रूप में देखा जाता है। बावजूद इसके, कई भक्तों का कहना है कि यह भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद है। उनका मानना है कि प्रभु अपने ध्वज के माध्यम से भक्तों को संदेश दे रहे हैं कि वे सदा उनकी रक्षा में उपस्थित हैं।
मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पतितपावन ध्वज पर गरुड़ के बैठने से श्रीमंदिर की किसी भी दैनिक पूजा या परंपरा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल अप्रैल महीने में भी एक गरुड़ को जगन्नाथ मंदिर के ध्वज के साथ उड़ते हुए देखा गया था। उस समय उसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था।
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