नव दास हत्याकांड से नहीं उठ रहा पर्दा, CBI जांच की मांग को लेकर ओडिशा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका
पूर्व दिवंगत स्वास्थ्य मंत्री नव दास की हत्या के नौ दिन बीत चुके हैं। लेकिन हत्या के रहस्य का खुलासा अभी नहीं हो पाया है। इसे लेकर आरोपित गोपाल दास से लगातार पूछताछ की जा रही है। उसकी मानसिक स्थिति की भी लगातार जांच की जा रही है।

शेषनाथ राय, कटक। पूर्व दिवंगत स्वास्थ्य मंत्री नव दास की हत्या को लेकर ओडिशा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। यह मामला भारतीय विकास परिषद ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए दायर किया है। गौरतलब है कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नव दास की पिछले महीने की 29 तारीख को हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के नौ दिन बीत चुके हैं, लेकिन हत्या के पीछे का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। राज्य सरकार ने अपराध शाखा को इस हाई प्रोफाइल हत्या के कारणों का पता लगाने का जिम्मा सौंपा है, जबकि जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेपी दास की निगरानी में हो रही है। घटना के दिन क्राइम ब्रांच के एडीजी अरुण बोथरा के नेतृत्व में कई जांच अधिकारी पहुंचे थे।
गोपाल ने नहीं बताई हत्या करने की वजह
इसके बाद कई टीमों में बंटे जांच अधिकारियों ने झारसुगुड़ा और आरोपी के बरहमपुर स्थित घर में जांच जारी रखी है। हालांकि, आज तक क्राइम ब्रांच यह पता नहीं लगा पाई है कि गोपाल ने नव दास की गोली मारकर हत्या क्यों की। क्राइम ब्रांच का कहना है कि गोपाल ने गोली मारने की बात कबूल कर ली है, लेकिन हत्या के पीछे की वजह नहीं बताई है। गोपाल की गिरफ्तारी के बाद क्राइम ब्रांच ने बताया कि पहले चरण में चार दिन की रिमांड पूरी हुई थी और दूसरे चरण में पुन: चार दिन की रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है।
गोपाल के मानसिक स्थिति की हो रही जांच
दूसरी तरफ गोपाल की मानसिक स्थिति की भी जांच जारी है क्योंकि उसके डॉक्टर सहित परिवार के सदस्यों ने गोपाल के बायपोलर डिसऑर्डर से जूझने की बात कही है इसलिए गोपाल का लेयर्ड वॉयस एनालिसिस (एलवीए) टेस्ट एवं साइकोलोजिकल एसएसमेंट दिल्ली से आए सीएफएसएल निदेशक डा. आशा श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ दल ने किया। वहीं, अब बेंगलुरू के नीमहांस (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एण्ड मेंडल साइंस) से विशेषज्ञों की एक टीम भी झारसुगुड़ा आएगी।
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