मुआवजा की मांग को रेलपटरी पर घरना
खुर्दा-बलांगीर रेलपथ से प्रभावित हुए लोगों के संयुक्त मंच (खुर्दा-बला
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : खुर्दा-बलांगीर रेलपथ से प्रभावित हुए लोगों के संयुक्त मंच (खुर्दा-बलांगीर रेलपथ क्षतिग्रस्त मिलित मंच) की तरफ से गुरुवार को प्रत्येक प्रभावित परिवार को 10 लाख रुपया मुआवजा देने, आवासहीनों को सरकारी जमीन देन, प्रशासनिक अत्याचार एवं धमकी बंद करने आदि की मांग को लेकर बोलगड़ ब्लाक अंतर्गत सानपदर में सुबह रेल रोको आंदोलन किया गया। आंदोलनकारियों के रेलवे ट्रैक पर बैठ जाने से नयागढ़ की तरफ जाने वाली रेलगाड़ियों को रद कर दिया गया। रेल रोको आंदोलन की सूचना मिलने के बाद बेगुनिया थाना पुलिस एवं रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने में जुट गई।
खुर्दा-बलांगीर रेलमार्ग निर्माण के लिए सानपदर गांव के लोगों के जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इससे कई परिवार आवासहीन हो गए। आंदोलनकारियों ने कहा कि आवास खोने वाले 25 परिवार को जिला प्रशासन कम मुआवजा देकर उन्हें भगाने का प्रयास कर रहा है। यहां तक कि इसमें कुछ लोगों को तो बिल्कुल ही मुआवजा नहीं मिला। रेलवे विभाग के कर्मचारी, राजस्व विभाग के कर्मचारी एवं इंजीनियरों ने सही ढंग से जमीन का मूल्यांकन नहीं किया है। इससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है। लोगों का कहना है कि हमारे आरोप के बाद तत्कालीन जिलाधीश रूपा रोशन साहू ने जांच कर सरकार को रिपोर्ट भेजी थी। उनका तबादला हो जाने के बाद नए जिलाधीश उक्त रिपोर्ट की अनदेखी कर रहे हैं। मंच की अध्यक्ष कुंतला नायक एवं सचिव राजकिशोर नायक ने कहा कि बार बार शिकायत करने के बावजूद कोई कदम न उठाए जाने से आज हम लोग रेल रोको आदोलन करने के लिए बाध्य हुए हैं।