Odisha: स्वास्थ्य व आर्थिक तंगी से लाचार मुख्यमंत्री के चचेरे भाई ने किया वृद्धा भत्ता के लिए आवेदन
अपनी स्वास्थ्य व आर्थिक तंगी से लाचार होकर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के चचेरे भाई दिलीप पटनायक ने वृद्धा भत्ता के लिए आवेदन किया है। अपने आवेदन में आवेदन में दिलीप पटनायक ने खुद को एक असहाय वृद्ध के तौर पर दर्शाया है और बुढ़ापे की भत्ता देने के लिए निवेदन किया है। बता दें कि दिलीप पटनायक की उम्र 76 साल है।

संवाद सहयोगी, कटक: ओडिशा के प्रवाद पुरुष के तौर पर जाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बीजू पटनायक के भतीजे व उनके बड़े भाई डॉक्टर जॉर्ज पटनायक के बेटे तथा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बड़े पापा के बेटे व उनके चचेरे भाई दिलीप पटनायक ने आखिरकार बुढ़ापे के भत्ता के लिए आवेदन किया है।
बुढ़ापे की भत्ता योजना में शामिल करने के लिए दिया आवेदन
उन्होंने राज्य सरकार के मधुबाबू पेंशन योजना के तहत बुढ़ापे के भत्ता और केंद्र सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय बुढ़ापे की भत्ता योजना में खुद को शामिल करने के लिए आवेदन किया है।
केंद्र सरकार के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय भत्ता योजना में किए गए आवेदन में दिलीप पटनायक ने खुद को एक असहाय वृद्ध के तौर पर दर्शाया है और उन्हें बुढ़ापे की भत्ता देने के लिए निवेदन किया है।
76 साल के हैं मुख्यमंत्री के चचेरे भाई दिलीप पटनायक
बीजू पटनायक चौक में मौजूद आनंद भवन में रहने वाले मुख्यमंत्री के चचेरे भाई दिलीप पटनायक के इस कदम को लेकर चारों तरफ चर्चा हो रही है। दिलीप की उम्र 76 साल है।
ऐसे में इन योजनाओं में शामिल होने के लिए वह एक योग्य हिताधिकारी होने की बात को उन्होंने दर्शाया है। हालांकि, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के भाई व आनंद भवन के एक सदस्य दिलीप पटनायक की इस प्रकार की लाचारी पर स्थानीय लोगों ने बहुत ही दुख जताया है।
विभिन्न खबरों के बावजूद नहीं लिया गया एक्शन
उनके बारे में विभिन्न खबरें आने के बावजूद उनकी हालत में किसी तरह की सुधार नहीं हुई है। विदित हो कि, दिलीप के स्वास्थ्य खराब होने को लेकर गण खबर प्रसारित की गई थी। किस तरह से वह बदहाली में जिंदगी गुजार रहे हैं ,उसको लेकर राज्य भर में चर्चा हुई।
बारबाटी कटक के विधायक मोहम्मद मुकीम ने आर्थिक मदद और इलाज के लिए भरोसा दिया था। विभिन्न संगठनों ने भी दिलीप पटनायक के प्रति अपनी संवेदना जतायी थी। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। ऐसे में मजबूर होकर उन्होंने भत्ता के लिए आवेदन किया है, यह बात जानने में आई है।
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