37 साल बाद रिश्वतखोरी मामले में डॉक्टर को मिली जेल की सजा, बंद होगी सरकारी पेंशन!
ओडिशा के भुवनेश्वर में रिश्वतखोरी के एक मामले में 37 साल बाद एक डॉक्टर को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोप में यह फैसला ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, संबलपुर। रिश्वतखोरी के दीर्घ 37 वर्ष पुराने एक मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद संबलपुर विजिलेंस जज ने संबलपुर के बुर्ला स्थित मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग के पूर्व विभागीय मुख्य डॉ. सनत महापात्र (वर्तमान सेवानिवृत) को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष सश्रम कारावास और जुर्माना राशि की सजा सुनाई है। वर्तमान डॉ. महापात्र 75 वर्ष के हैं और ब्रह्मपुर में अपने परिवार के साथ रहते हैं।
विजिलेंस के सूत्र के अनुसार, डॉ. सनत महापात्र वर्ष 1988 में स्थानीय बुर्ला स्थित मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग के मुख्य थे, तब उन्हें एक मरीज से रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
मरीज का ऑपरेशन करने के लिए डॉ. महापात्र ने रिश्वत की मांग की थी और उन्हें रिश्वत वसूलते समय संबलपुर विजिलेंस की टीम ने रंगेहाथ पकड़ा था और उनके खिलाफ ओडिशा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस मामले की जांच विजिलेंस के पूर्व इंस्पेक्टर एन.एन.पंडा ने किया था, जबकि सरकार कि ओर से विजिलेंस के वकील शोभन आनंद गुरु पैरवी कर रहे थे। दीर्घ 37 वर्ष पुराने इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद डॉ. महापात्र को मंगलवार के दिन संबलपुर विजिलेंस जज ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाया।
विजिलेंस की ओर से बताया गया है कि अब इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए विजिलेंस की ओर से डॉ. महापात्र की पेंशन बंद करने के लिए सरकार से सिफारिश की जाएगी।

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