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    क्‍या ओडिशा में आने वाला है भयंकर तूफान? मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, मछुआरों को तट पर जल्‍द लौटने की सलाह

    Odisha News ओडिशा पर इन दिनों चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। 22 मई को दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जो 24 मई तक यह सक्रिय होकर अवसाद में तब्दील हो जाएगा। इधर मौसम विभाग ने तीन दिन के लिए राज्य के कुछ जगहों पर वज्रपात को लेकर पीली चेतावनी जारी कर दी है।

    By Sheshnath Rai Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 21 May 2024 04:05 PM (IST)
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    ओडिशा पर मंडरा रहा है चक्रवात का खतरा, आज बनेगा कम दबाव का क्षेत्र

    जासं, भुवनेश्वर। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बुधवार को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। 24 मई तक यह सक्रिय होकर अवसाद में तब्दील हो जाएगा। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर ने यह जानकारी दी है।

    22 मई के बाद स्‍पष्‍ट हो पाएगी स्थिति

    मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा।

    बाद में, इसके मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवसाद और गहरे दबाव में और तेज होने की संभावना है।

    यह चक्रवात में भी बदल सकता है। हालांकि, चक्रवात के बारे में अभी तक कोई आकलन नहीं किया गया है। 22 मई के बाद या कम दबाव बनने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।

    वज्रपात और मूसलाधार बारिश को लेकर अलर्ट जारी

    वहीं, दूसरी तरफ तीन दिन के लिए राज्य के कुछ जगहों पर वज्रपात को लेकर पीली चेतावनी जारी की गई है। दो दिन के लिए भारी से भारी वर्षा को लेकर सतर्कता जारी की गई है।

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    24 मई को जगतसिंहपुर एवं केंद्रपाड़ा में भारी से अति भारी वर्षा एवं 6 जिला में भारी वर्षा को लेकर पीली चेतावनी जारी की गई है। इसी तरह से 25 मई को भारी से अति भारी वर्षा को लेकर 8 जिलों में पीली चेतावनी जारी की गई है।

    मौसम विज्ञान केंद्र ने 22 मई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जतायी है। कहा है कि अगले 48 घंटों में इसके और तेज होने और 24 तारीख को अवसाद का रूप लेने की संभावना है। इसके प्रभाव से प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्षा होने की संभावना है।

    मछुआरों को 23 मई से पहले तट पर लौटने की सलाह

    मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 23 मई से बंगाल की मध्य खाड़ी और 24 से उत्तरी बंगाल की खाड़ी में न जाएं क्योंकि समुद्र अशांत रहता है। समुद्र में मौजूद मछुआरों को 23 से पहले तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

    उधर, प्रदेश में अगले पांच दिनों तक कालबैसाखी का असर रहेगा। 22, 23 और 24 मई को राज्य के कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।

    कालबैसाखी के प्रभाव में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। कुछ जगहों पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। इसलिए क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने अलर्ट जारी किया है।

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