Cyclone Michaung: किसी भी स्थिति से निपटने को ओडिशा सरकार तैयार, बचाव दल किए गए तैनात
ओडिशा सरकार ने भीषण चक्रवात मिचौंग के प्रभाव के कारण दक्षिण ओडिशा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। यह बात विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने सोमवार को कही। उन्होंने कहा कि आईएमडी की भविष्यवाणी के अनुसार हालांकि चक्रवाती तूफान का ओडिशा पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा सरकार ने भीषण चक्रवात मिचौंग के प्रभाव के कारण दक्षिण ओडिशा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। यह बात विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने सोमवार को कही।
उन्होंने कहा कि आईएमडी की भविष्यवाणी के अनुसार, हालांकि चक्रवाती तूफान का ओडिशा पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में चक्रवात के प्रभाव से भारी वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी के अनुसार, मलकानगिरी, कोरापुट, रायगड़ा, गजपति और गंजाम जैसे जिलों के लिए नारंगी चेतावनी जारी की गई है, जहां भारी वर्षा होने की संभावना है। भारी बारिश से फसल कटाई के समय फसलों को नुकसान होने की संभावना है।
मछुआरों को दी गई चेतावनी
हालांकि, हवा की गति की तीव्रता बहुत कम यानी 40 से 50 किमी प्रति घंटा के भीतर होगी। इसी तरह कालाहांडी, नबरंगपुर और कंधमाल जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी की गई है।
साहू ने कहा कि चूंकि इन जिलों में भूस्खलन और पेड़ उखड़ने जैसी घटनाओं-दुर्घटनाओं की संभावना है, इसलिए कुछ क्षेत्रों में ओडीआरएएफ की पांच टीमें और फायर ब्रिगेड की आठ टीमें भेजी गई हैं।
वे राहत एवं बचाव कार्य में प्रशासन का सहयोग करेंगे। साहू ने यह भी कहा कि तटों पर मछुआरों को 6 दिसंबर की शाम तक समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है। वर्तमान में, राज्य में धान की फसल चल रही है। कुछ स्थानों पर फसल कटाई जारी है, भारी बारिश से कटाई गतिविधियों में बाधा आएगी और फसलों को नुकसान होगा।
दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ रहा है चक्रवात
साहू ने आगे कहा कि हमने कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को उनकी फसल बचाने के बारे में जानकारी देने के लिए एक सलाह जारी की है। वर्तमान में गंभीर चक्रवात मिचौंग दक्षिण आंध्र प्रदेश और आसपास के उत्तरी तमिलनाडु तटों से सटे पश्चिम मध्य और उससे सटे दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर केंद्रित है।
भीषण चक्रवात मिचौंग चेन्नई से लगभग 90 किमी पूर्व-उत्तर पूर्व, नेल्लोर से 170 किमी दक्षिण पूर्व, पुडुचेरी से 200 किमी उत्तर पूर्व, बापटला से 300 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व और मछलीपट्टनम से 320 किमी दक्षिण में है।आईएमडी के अनुसार, मिचौंग लगभग उत्तर की ओर लगभग समानांतर और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ रहा है।
अनुमानित पथ के अनुसार, गंभीर चक्रवाती तूफान 5 दिसंबर की दोपहर के दौरान नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच, बापटला के करीब, दक्षिण आंध्र प्रदेश तट को एक गंभीर चक्रवात के रूप में पार करने की संभावना है, जिसमें अधिकतम और निरंतर हवा की गति लगभग 90-100 किमी प्रति घंटे से लेकर 110 किमी प्रति घंटे तक होने की संभावना है।
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