Odisha News: बिरिड़ी थानाध्यक्ष पर हिरासत में युवक को टॉर्चर करने का आरोप, नोटिस जारी
ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में बिरिड़ी थाना प्रभारी पर हिरासत में युवक से मारपीट का आरोप लगा है। पीड़ित पार्थसारथी दास के अनुसार ब्लॉक कार्यालय से लौटते समय हमला होने पर थाना प्रभारी ने उसे ही हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया। दास ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है जिसके बाद एसपी ने थानाध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के बिरिड़ी थाना प्रभारी पर हिरासत में एक युवक के साथ बर्बर मारपीट का गंभीर आरोप लगा है। आरोप सामने आने के बाद जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही पीड़ित ने ओडिशा मानवाधिकार आयोग (OHRC) से भी न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़ित पार्थसारथी दास जो बलिया कृतिवास पटना गांव निवासी हैं, ने आरोप लगाया है कि हाल ही में वे तीर्तोल विधायक के साथ एक स्थानीय ब्लॉक कार्यालय गए थे।
ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) से लंबित भुगतान को लेकर चर्चा के बाद जब वे लौट रहे थे, तभी कुछ अज्ञात बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया।
पीड़ित का कहना है कि घटना स्थल पर मौजूद बिरिड़ी थाना प्रभारी ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय उन्हें ही हिरासत में ले लिया और थाने ले जाकर गंभीर रूप से पीटा।
आरोप है कि थाने में न सिर्फ उनके कपड़े उतारे गए, बल्कि उन्हें थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया। गंभीर हालत में उन्हें पहले जगतसिंहपुर जिला अस्पताल और फिर कटक के एक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
पार्थसारथी दास ने इलाज के बाद एसपी को लिखित शिकायत सौंपी और ओडिशा मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर जगतसिंहपुर एसपी ने बिरिड़ी थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नोटिस में न सिर्फ हिरासत में मारपीट की घटना पर जवाब मांगा गया है, बल्कि उस समय थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों के काम न करने पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी मुझे जबरन उठाकर ले गए और थाने में बहुत मारा। मेरी पैंट और शर्ट उतारकर मुझे बुरी तरह पीटा गया। जब अस्पताल ले जाया गया, तब थाना अधिकारी ने डॉक्टर को पुलिस की ज्यादती की जानकारी न देने की धमकी दी।
उन्होंने यह भी दावा किया कि थानेदार ने उन्हें धमकी देकर कहा गया कि जब तू अस्पताल से लौटेगा, तो तुझे दोबारा पीटूंगा।
फिलहाल थानाध्यक्ष की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन यह मामला पुलिस विभाग की कार्यशैली और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
प्रशासन ने जांच का भरोसा दिलाया है, वहीं सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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