बालासोर रेल हादसे में बड़ा एक्शन, CBI ने 3 रेलकर्मियों को किया गिरफ्तार; 200 से अधिक लोगों की गई थी जान
Balasore Train Tragedy केंद्रीय जांच ब्यूरो एजेंसी (सीबीआई) ने बालेश्वर जिले में हुए बाहानगा ट्रेन हादसे के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि बाहानगा हादसे में कुल 293 लोगों की मौत हुई है।इनमें से 288 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। शेष पांच ने कटक के एक बड़े अस्पताल में दम तोड़ दिया।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। केंद्रीय जांच ब्यूरो एजेंसी (सीबीआई) ने बालेश्वर जिले में हुए बाहानगा ट्रेन हादसे के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए रेलवे कर्मचारियों की पहचान सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार के रूप में हुई है।
तीनों को आईपीसी की धारा 304 और 201 के तहत गिरफ्तार किया गया है। तीनों को आपराधिक मामलों और सबूत छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
क्यों मैदान में उतरी CBI?
सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि क्या बाहानगा हादसे के पीछे कोई साजिश थी या नहीं। वहीं दूसरी तरफ रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) भी मामले की जांच कर रहे थे।
सीआरएस ने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट दी थी। आयुक्त ने दुर्घटना के लिए सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारियों को दोषी ठहराया था। सीआरएस ने बताया था कि दुर्घटना किसी तकनीकी खराबी या मशीन की खराबी के कारण नहीं हुई थी।
सीआरएस ने भी इस बात से इनकार किया था कि इसके पीछे कोई साजिश है। सीआरएस ने कहा कि यह दुर्घटना कुछ फील्ड स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है।
सीआरएस ने स्पष्ट रूप से कहा था कि सुरक्षा व्यवस्था की उस तरह से जांच नहीं की गई, जिस तरह से उन्हें करनी चाहिए थी।
2 जून की वह भयावह शाम
गौरतलब है कि यह भयावह हादसा बीते 2 जून को ओडिशा के बालासोर के पास बाहानगा स्टेशन के पास हुआ। इसमें तीन ट्रेनें शामिल थीं।
एक मालगाड़ी, जो कि लूप लाइन में खड़ी थी और दो सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेनें- शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल सुपर फास्ट एक्सप्रेस और सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस, जिनके कुल 17 डिब्बे पटरी से उतर गए।
इस दौरान सबसे पहले कोरोमंंडल मालगाड़ी से जा टकराई, जिससे ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ बगल के ट्रैक पर चले गए, जिस पर बेंगलुरु से चली यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस गुजर रही थी। इन डिब्बों से यह ट्रेन जा टकराई और भीषण हादसा हो गया।
इस भयानक दुर्घटना में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इनमें से 288 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। शेष पांच ने कटक के एक बड़े अस्पताल में दम तोड़ दिया।
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