Odisha Train Tragedy: सामने आया रेल हादसे का सच, कई स्तरों पर हुई थी मानवीय चूक; 293 मौतों का जिम्मेदार SM
Odisha Train Accident ओडिशा में बालेश्वर जिले के बाहानागा बाजार स्टेशन से दो किलोमीटर दूर पनपना के पास 2 जून की शाम को हुए भयावह रेल हादसे के लिए रेलवे कर्मचारियों की गलतियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस दुर्घटना के लिए मुख्य रूप से स्टेशन मास्टर एस.वी.महान्ति को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में ट्रैक में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न होने की बात कही गई।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odisha Train Tragedy: बालेश्वर जिले के बाहानगा में दर्दनाक रेल हादसा सिग्नल एवं टेलीकाम डिपार्टमेंट की एकाधिक गलतियों के कारण हुआ है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने रेलवे बोर्ड के पास जो रिपोर्ट दी है, उसमें इस बात का उल्लेख किए जाने की जानकारी सूत्रों से मिली है।
स्टेशन मास्टर की अनदेखी बनी हादसे की वजह
रिपोर्ट में इस हादसे के लिए बाहानगा बाजार स्टेशन मास्टर एस.वी.महान्ति की लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में इलेक्ट्राॅनिक्स इंटरलाकिंग सिस्टम पद्धति में गलती होने की बात दर्शायी गई है।
इलेक्ट्राॅनिक इंटरलाॅकिंग सिस्टम परिवर्तन करने पर 14 सेकेंड में सिग्नल बदल जाना चाहिए। हालांकि, हादसे के दिन सिग्नल में अस्वभाविक बदलाव देखने को मिला था। सिग्नल बदलने में 37 सेकेंड का समय लगा। इस तरह के अस्वभाविक बदलाव को स्टेशन मास्टर एस.वी.महान्ति ने अनदेखी की थी।
स्टेशन के आधुनिकीकरण पर नहीं दिया गया ध्यान
अस्वभाविक बदलाव को लेकर स्टेशन मास्टर को रिपोर्ट करना चाहिए था। रिपोर्ट करने के साथ ही कोरोमंडल एक्सप्रेस को रोक देना चाहिए था। हालांकि, स्टेशन मास्टर ने ऐसा नहीं किया, जिससे यह हादसा हुआ है।
इसके साथ ही रेलव सुरक्षा आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बाहानगा बाजार स्टेशन के आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया है। 2018 में बाहानगा बाजार स्टेशन का सिग्नल सर्किट प्वाइंट को बदला गया था। किन्तु इस परिवर्तन काे डाॅक्यूमेंट नहीं किया गया था। वेयरिंग डाइग्राम में यह परिवर्तन दिखाई नहीं दे रहा था।
2 जून की वह भयावह शाम
गौरतलब है कि यह भयावह हादसा बीते 2 जून को ओडिशा के बालासोर के पास बाहानगा स्टेशन के पास हुआ। इसमें तीन ट्रेनें शामिल थीं। एक मालगाड़ी, जो कि लूप लाइन में खड़ी थी और दो सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेनें- शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल सुपर फास्ट एक्सप्रेस और सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस, जिनके कुल 17 डिब्बे पटरी से उतर गए।
इस दौरान सबसे पहले कोरोमंंडल मालगाड़ी से जा टकराई, जिससे ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ बगल के ट्रैक पर चले गए, जिस पर बेंगलुरु से चली यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस गुजर रही थी। इन डिब्बों से यह ट्रेन जा टकराई और भीषण हादसा हो गया।
इस दुर्घटना में 293 लोगों की मौत हुई है और हजारों की तादाद में लोग घायल हुए हैं। अभी भी कई घायलों का कटक एससीबी मेडिकल में इलाज चल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ सीबीआई की तरफ इस हादसे के आपराधिक षडयंत्र की सम्भावना को लेकर जांच जारी है।
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