ओडिशा में किन्नरों के दो गुटों में हिंसक झड़प, 10 से अधिक घायल; सेक्स रैकेट से जुड़ा मामला
ओडिशा के भद्रक में दो किन्नर समूहों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें 10 से अधिक किन्नर घायल हो गए। यह विवाद कथित तौर पर एक सेक्स रैकेट के विरोध से जुड़ा ...और पढ़ें

झड़प के दौरान जुटे किन्नर। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के भद्रक जिले में दो किन्नर समूहों के बीच उपजा विवाद मंगलवार को हिंसा में बदल गया, जिसमें 10 से अधिक किन्नर घायल हो गए।इस घटना के बाद भद्रक टाउन पुलिस स्टेशन के बाहर तनाव की स्थिति बन गई।
जानकारी के मुताबिक यह घटना चरम्पा क्षेत्र के डागरासाही के पास उस समय हुई, जब एक किन्नर समूह के सदस्य घर लौट रहे थे।इसी दौरान प्रतिद्वंद्वी समूह के सदस्यों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि दोनों समूहों के बीच विवाद पिछले कई दिनों से चल रहा था। इस संदर्भ में एक समुदाय के सदस्यों ने पुलिस को भी सूचित किया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हमले में 10 से अधिक किन्नर घायल हुए हैं। घायलों को सिर, पीठ, कान और शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आई हैं।इसके बाद वे चिकित्सा सहायता, सुरक्षा और कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर टाउन पुलिस स्टेशन पहुंचे।
घटना के बाद पुलिस स्टेशन के बाहर तनाव फैल गया, जहां एक गुट के सदस्यों ने प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
किन्नर समुदाय के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि यह हिंसा पहले उठाई गई आपत्तियों से जुड़ी है, जो कथित अवैध गतिविधियों के खिलाफ थीं।
इनका आरोप है कि कुछ लोग किन्नर लोगों को एक सेक्स रैकेट में शामिल कर रहे हैं। हमने इसका विरोध किया और प्रदर्शन किया। बदले में, उन्होंने कई लोगों को हमारे खिलाफ लगा दिया, जो हमें घर छोड़ने की धमकी दे रहे थे। आज उन्हीं लोगों ने हम में से एक पर हमला किया, उसका सिर मुंडवा दिया और गहने छीन लिए।
एक अन्य प्रदर्शनकारी किन्नर ने दावा किया कि घटना से पहले ही पुलिस को सूचना दी गई थी।
हम कई बार पुलिस के पास गए और धमकियों के बारे में बताया, लेकिन पुलिस उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे उनका हौसला बढ़ गया। हम जानना चाहते हैं कि घर लौटने के बाद हम सुरक्षित रहेंगे या नहीं और क्या हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
प्रदर्शन के दौरान यह मांग भी उठी कि कथित तौर पर राज्य के बाहर से आने वाले उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जो यहां रह रहे किन्नरों को विस्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लगातार धमकियों और डराने-धमकाने के कारण ही विवाद और तेज हुआ है।
वहीं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और घायलों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। हालांकि, शिकायतकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं मिल सकी है।

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