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    टेस्ट में पास हुई ASTRA, दुश्मन को हवा में ही मार गिराएगी ये मिसाइल, लड़ाकू विमान तेजस पर फिट होगी

    By Agency Edited By: Yogesh Sahu
    Updated: Wed, 12 Mar 2025 11:50 PM (IST)

    देश की रक्षा प्रणाली में एक और नगीना जुड़ गया है। दरअसल भारत ने ASTRA मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। रक्षा क्षेत्र में अपनी इस स्वदेशी मिसाइल के नए वेरिएंट के सफल परीक्षण से देश की रक्षा क्षमता और मजबूत हुई है। लड़ाकू विमान तेजस से दागी गई यह मिसाइल दुश्मन को हवा में ही मार गिराने में सक्षम है।

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    ओडिशा में चांदीपुर तट पर किया गया मिसाइल का परीक्षण।

    एएनआई, नई दिल्ली/भुवनेश्वर। भारत ने रक्षा क्षेत्र में अपनी स्वदेशी ASTRA मिसाइल के नए वेरिएंट का सफल परीक्षण कर लिया है। यह मिसाइल परीक्षण एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (Aeronautical Development Agency, एडीए) ने किया है।

    लड़ाकू विमान तेज से एलसीए एएफ एमके1 प्रोटोटाइप स्वदेशी अस्त्र बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (बीवीआरएएएम) (ASTRA Beyond Visual Range Air to Air Missile) दागकर परीक्षण किया गया। जो कि सफल रहा है। जानकारी के अनुसार, यह परीक्षण 12 मार्च को ओडिशा के चांदीपुर तट पर किया गया।

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    लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया

    • बता दें कि परीक्षण के दौरान फायरिंग होने पर मिसाइल ने उड़ते हुए लक्ष्य पर सीधे प्रहार किया। इस प्रहार से लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
    • इतना ही नहीं, सभी उप-प्रणालियों ने सटीक प्रदर्शन भी किया। इसने मिशन के सभी मापदंडों और उद्देश्यों को पूरा किया।

    लक्ष्य पर निशाना साधकर नष्ट करने में बेहद सटीक

    • डीआरडीओ की ओर से डिजाइन और विकसित अस्त्र मिसाइल 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
    • यह मिसाइल उन्नत गाइडेंस (मार्गदर्शन) और नेविगेशन क्षमताओं से लैस है, जिससे यह बेहद सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकती है।

    रक्षा मंत्रालय ने इन्हें दिया श्रेय

    बता दें कि इस मिसाइल को पहले ही भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल किया जा चुका है। आज इसके नए वेरिएंट का परीक्षण (Test) किया गया है।

    रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, एलसीए एएफ एमके1ए को वायुसेना को दिए जाने के बाद इसके नए संस्करण का यह सफल परीक्षण इस विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

    रक्षा मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि यह सफलता एडीए, डीआरडीओ, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की एकीकृत टीम की कड़ी मेहनत का परिणाम है। इसके साथ ही सीईएमआईएलएसी, डीजी-एक्यूए, आईएएफ और टेस्ट रेंज टीम के सहयोग का भी परिणाम है।

    अभी और होंगे ऐसे टेस्ट

    बयान में यह भी कहा गया है कि इस मिसाइल के बेहतर प्रदर्शन को परखने (मूल्यांकन) के लिए आगे और भी परीक्षण करने की योजना बनाई गई है।

    केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, आईएएफ, एडीए, एचएएल और परीक्षण में शामिल सभी टीमों को बधाई दी है।

    रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ (DRDO) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने विभिन्न संगठनों और वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के प्रयासों की सराहना की है।

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