दांत के लिए शिकारियों के निशाने पर आ रहे हैं गजराज, आठगढ़ में 20 साल के नर हाथी की मौत ने सबको चौंकाया
आठगड़ वन खंड इलाके में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में सोमवार को फिर से एक 20 साल के नर हाथी की मौत हो गई है। शिकार ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, कटक। राज्य में गजराज सुरक्षित नहीं है। यह बात कटक जिला के आठगड़ इलाके में फिर से एक नर हाथी की मौत से साबित हो गई है। आठगड़ वन खंड इलाके में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आठगड़ वन खंड इलाके से सोमवार को फिर से एक 20 साल के नर हाथी की मौत की घटना सामने आई है।
दांत के लिए हाथियों पर निशाना साध रहे हैं शिकारी
आठगड़ वन रेंज बेतिआ जंगल के पास मौजूद नुआबंध नुआ तईला काजू जंगल में इस हाथी की मृत्यु हुई है। हालांकि, मौत की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। घटनास्थल पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पहुंच कर छानबीन शुरू कर दिए हैं। हाथी की सूंड पर चोट लगी है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस हाथी का शिकार किया गया है।
खास तौर पर नर हाथियों को दांत के लिए शिकारी निशाना बना रहे हैं। बहरहाल, हाथी की मौत की घटना को लेकर अभी तक वन विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। विभिन्न दिशाओं को लेकर घटनास्थल पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पहुंचकर जांच पड़ताल कर रहे हैं। हाथी के शव को बरामद किया गया है और अब पोस्टमार्टम के बाद ही इस मौत की वजह का पता चल सकेगा।
लगातार हो रही हाथियों की मौत बनी चिंता का विषय
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बडंबा और हिंदोल जंगल इलाके के सीमावर्ती इलाके से नर हाथी का शव गोलियों से छलनी अवस्था में बरामद हुआ था। हाथी का मृत शरीर मिलने के बाद हड़बड़ी में पोस्टमार्टम कर मिट्टी में दफना दिया गया था। हालांकि, दोनों आठगड़ और खुंटूनी इलाके के आला अधिकारियों की मौजूदगी में उसकी पंचनामा की गई थी।
ठीक उसी प्रकार पिछले जनवरी महीने में भी एक हाथी की मौत हुई थी। आठगड़ वन इलाके के खूंटुनी जंगल शंखपोल के पास भी एक नार हाथी की मौत हो गई थी। जिसकी उम्र लगभग 15 से 20 साल होने का अनुमान लगाया गया था। इसकी सूचना खुंटूनी के रेंजर नील माधव साहू ने दी थी। हालांकि, किस वजह से उस हाथी की मौत हुुुईई थी उस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया था।
वन विभाग को चुनौती दे रहे हैं शिकारी
अब फिर से और एक हाथी की मौत निश्चित तौर पर वन विभाग के लिए चुनौती पैदा किया है। शिकारी वन विभाग की सुरक्षा को कड़ी चुनौती देते हुए नियमित रूप से जंगल के अंदर दाखिल हो रहे हैं और धड़ल्ले से हाथियों का शिकार कर फरार रहे हैं। यह केवल वन विभाग नहीं बल्कि स्थानीय इलाके में बसने वाले लोगों के लिए भी चिंता का विषय है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।