Updated: Thu, 17 Apr 2025 03:36 PM (IST)
पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा अब विशेष सुरक्षा बल के हाथों में होगी। यह बल दर्शन को सुव्यवस्थित करने का भी प्रभारी होगा। सरकार के इस कदम का सेवादारों ने स्वागत किया है। वरिष्ठ सेवादारों का मानना है कि बल के पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण मिलना चाहिए ताकि वे श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार कर सकें और मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इससे अनुशासित दर्शन प्रणाली सफल होगी।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी जल्द ही मंदिर के विशेष सुरक्षा बलों के हाथों में होगी। विशेष सुरक्षा बल इस बात का भी प्रभारी होगा कि भक्त व्यवस्थित तरीके से भगवान के दर्शन किस प्रकार से करेंगे।
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सेवादारों ने किया स्वागत
सरकार के इस कदम का श्रद्धालुओं और सेवादारों ने स्वागत किया है। वहीं, वरिष्ठ सेवादारों का मानना है कि मंदिर के विशेष सुरक्षा बल में तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
पुरी जगन्नाथ मंदिर में हर दिन हजारों की संख्या में भक्त आते हैं, ऐसे में भक्तों के प्रति अच्छा व्यवहार और उच्चारण दिखाने के लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। इससे मंदिर में अनुशासित दर्शन पद्धति सफल होगी और श्रद्धालु भी अच्छे अनुभव के साथ लौटेंगे।
श्रद्धालुओं में आक्रोश
पिछले कुछ सालों में मंदिर में अनुशासित दर्शन व्यवस्था न होने से श्रद्धालुओं में आक्रोश रहा है। इसी तरह मंदिर की तस्वीरें और वीडियो अक्सर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होते रहते हैं।
वहीं, मंदिर के संवेदनशील स्थानों के वीडियो भी मंदिर पर ड्रोन के जरिए शूट किए जा रहे हैं। इससे मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई तरह के तरह सवाल उठते रहे हैं।
सुरक्षा में लगेंगे इतने पुलिसकर्मी
इसलिए श्रद्धालुओं और वरिष्ठ सेवादारों को उम्मीद है कि अगर मंदिर का विशेष सुरक्षा बल होगा तो मंदिर में अनुशासित दर्शन और सुरक्षा व्यवस्था ठीक से हो सकेगी। सरकार की अधिसूचना के अनुसार मंदिर के विशेष सुरक्षा बल में विभिन्न रैंक के कुल 1,083 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
ओडिशा सशस्त्र पुलिस बटालियन, ओएसएपी बटालियन के अनुभवी सिपाहियों और पुलिस कर्मियों को प्रतिनियुक्ति पर लाकर नियुक्त किया जाएगा।
राज्य सरकार मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था और व्यवस्थित दर्शन प्रणाली को और मजबूत करने के लिए अत्यधिक महत्व दे रही है। पुरी जिला प्रशासन को उम्मीद है कि अगर मंदिर के लिए विशेष सुरक्षा बल तैनात किए जाते हैं तो सभी व्यवस्थाओं को अनुशासित तरीके से प्रबंधन किया जा सकेगा।
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