Odisha News: नुआपाड़ा जिले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, नक्सली कैंप ध्वस्त; खतरनाक बम बनाने की सामग्री बरामद
Odisha News ओडिशा के नुआपाड़ा जिला में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक नक्सली कैंप को ध्वस्त किया है। नक्सली कैंप से करीब पांच सौ इलेक्ट्रिक डेटोनेटर पांच सेफ्टी फ्यूज रील पांच इंप्रोवाइज्ड आईईडी स्विच दो एसबीजीएल राउंड एक जिलेटिन स्टिक व नक्सली साहित्य बरामद किया गया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

संवाद सहयोगी, संबलपुर। पश्चिम ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के बोडेन थाना अंतर्गत भैंसमुंडी (बहादुरपानी) गांव निकटस्थ घने जंगल में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम ने शुक्रवार की सुबह एक नक्सली कैंप को ध्वस्त करने समेत कैंप से डेटोनेटर समेत अन्य सामान बरामद किया गया है।
शनिवार को नुआपाड़ा जिला पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में नुआपाड़ा जिला पुलिस अधीक्षक जीआर राघवेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सुनाबेड़ा अभयारण्य के पाटधरा संरक्षित वनांचल में नक्सलियों के जमावड़े को लेकर खुफिया सूचना मिली थी।
30 अक्टूबर की रात को शुरू हुआ था ऑपरेशन
इस सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक राघवेंद्र के निर्देश पर 30 अक्टूबर की रात इलाके में सर्च एंड डिस्ट्राय ऑपरेशन शुरु किया गया था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की दो असाल्ट टीम को रवाना किया गया था। इस सर्च ऑपरेशन के दौरान शुक्रवार सुबह एसओजी टीम ने एक नक्सली कैंप को ध्वस्त किया।
ऐसा बताया जा रहा है कि संरक्षित वनांचल में धमतरी- गरियाबंद-नुआपड़ा डिविजनल कमेटी (डीजीएन) के नक्सलियों ने अपना ठिकाना बना रखा था। सुरक्षा बल के जवानों के पहुंचने से पहले ही नक्सली वाहन से फरार हो गए थे।
नक्सली कैंप से बरामद हुए ये सामान
नक्सली कैंप से करीब पांच सौ इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, पांच सेफ्टी फ्यूज रील, पांच इंप्रोवाइज्ड आईईडी स्विच, दो एसबीजीएल राउंड, एक जिलेटिन स्टिक व नक्सली साहित्य बरामद किया गया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। अतिरिक्त टीम को भी भेजा गया है।
ज्ञात हो कि इससे पहले गत 21 अक्टूबर को सीआरपीएफ ने नक्सलियों की साजिश को नाकाम करते हुए जामगांव मार्ग से आईईडी बरामद किया था।
रैगिंग के आरोपी पांच सीनियर छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित
एक महत्वपूर्ण कदम के तहत बरहमपुर स्थित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अपने जूनियर्स की रैगिंग के आरोपी पांच सीनियर छात्रों को हॉस्टल से हमेशा के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
रैगिंग के आरोपों की एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा गहन जांच के बाद पांचों छात्रों को यह सजा सुनाई गई।इसके अलावा, पांचों छात्रों को प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान द्वारा प्रदान की जाने वाली किसी भी प्रकार की छात्रवृत्ति, फैलोशिप और अन्य सुविधाओं से भी रोक दिया गया है।
इससे पहले, पांचों को छह महीने के लिए चिकित्सा परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। प्रतिष्ठित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रैगिंग विवाद के घेरे में रहा है।
द्वितीय वर्ष के कई छात्रों ने अपने वरिष्ठों पर छात्रावास की रोशनी बंद करने और उन्हें पीटने, उन्हें गाली देने और यहां तक कि उन्हें नृत्य करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
छात्रों ने आगे आरोप लगाया कि जब भी उन्होंने यातना का विरोध करने की कोशिश की तो वरिष्ठों द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटा जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि प्रथम वर्ष के छात्रों को द्वितीय वर्ष में पदोन्नति मिलने पर छात्रावास (1, 3 और 4) में रखा गया है।
हालांकि, नए छात्रावासों में उनके शिफ्ट होने से उनके वरिष्ठों द्वारा कथित यातना, उत्पीड़न और रैगिंग में वृद्धि हुई है, जिससे उन्हें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) और एंटी-रैगिंग कमेटी का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। आरोपों में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की गंभीर शिकायतें शामिल हैं।
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