ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए सख्त नियम, बिना QR कोड नहीं मिलेगा लाइसेंस; तय सीमा से ज्यादा रखा तो मिले 'दंड'
ग्रीन पटाखों की बिक्री को लेकर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। बिना QR कोड वाले पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं को ही पटाखे बेचने की अनुमति होगी और उन्हें स्टॉक सीमा का पालन करना होगा। उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है। प्रशासन जागरूकता अभियान भी चला रहा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजधानी में हरित पटाखों की बिक्री की छूट के बाद दिल्ली पुलिस अब व्यापारियों को इन पटाखों की बिक्री हेतु लाइसेंस उपलब्ध करेगी। सिर्फ वही पटाखे मान्य माने जाएंगे, जो राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) से प्रमाणित हों और जिन पर क्यूआर कोड अंकित हो, ताकि उनकी वैधता और निर्माता की पहचान सुनिश्चित की जा सके।
तय स्थानों पर होगी बिक्री
ऐसे पटाखों की बिक्री सिर्फ उन्हीं स्थानों पर होगी जिन्हें संबंधित पुलिस उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट मिलकर तय करेंगे। यह लाइसेंस हर जिले के उपायुक्त द्वारा जारी किया जाएगा और 18 से 20 अक्टूबर तक केवल तीन दिनों के लिए बिक्री की अनुमति दी जाएगी। इस अवधि के बाहर पटाखे जलाने वालों पर भारी जुर्माना और जेल, दोनों की कार्रवाई होगी।
इसके साथ ही अस्थायी तौर पर हरित पटाखों की बिक्री के लिए शेड लगानी है तो अस्थायी शेड लगाने के लिए भी नगर निगम से लाइसेंस अथवा अनुमति लेनी होगी।
500 किलो अधिकतम भंडारण की अनुमति
लाइसेंसिंग यूनिट के संयुक्त आयुक्त एवी. देशपांडे द्वारा जारी आदेश के मुताबिक हरित पटाखों के प्रत्येक पैकेट पर नीरी द्वारा प्रमाणित क्यूआर कोड प्रदर्शित करना होगा। इससे क्यूआर कोड स्कैन करने से ही इसके हरित होने की पुष्टि हो जाएगी। इसके साथ ही एक व्यापारी केवल 100 किलो बिक्री के लिए जबकि 500 किलो अधिकतम भंडारण की अनुमति होगी।
दूसरे राज्य से लाकर बेचने पर रोक
इतना ही नहीं पटाखे दूसरे राज्यों से लाने या बेचने पर भी पाबंदी रहेगी। केवल तीन दिन के लिए अस्थायी लाइसेंस मिलेगा। ई-कामर्स साइटों पर पटाखा बिक्री की पाबंदी रहेगी। 18 अक्टूबर तक ही लाइसेंस जारी करने होंगे।
लाइसेंस लेने के लिए क्या हैं नियम?
- आवेदक की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए
- आवेदक किसी भी आपराधिक मामले में दोषी नहीं होना चाहिए।
- आवेदन के साथ दुकान का नक्शा, चार दिशाओं से तस्वीरें होनी चाहिए
- आवेदक का निवास प्रमाण पत्र, स्वामित्व या किरायानामा और यदि दुकान अस्थायी है तो भूमि स्वामी अथवा संस्था की अनुमति (एनओसी) देना अनिवार्य होगा।
- जो आवेदन आएंगे उनकी जांच 17 या 18 अक्तूबर तक होगी।
पटाखे जलाने का समय भी तय
दिल्ली पुलिस ने इस बार पटाखे जलाने का समय भी तय किया है। दीपावली से एक दिन पहले और दीपावली के दिन सुबह छह से सात बजे तक और रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे। इन समयों के अलावा पटाखे जलाना पूरी तरह वर्जित रहेगा। पुलिस का कहना है कि यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और अदालत के निर्देशों को लागू करने के लिए आवश्यक है।
बेरियम और लड़ी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बेरियम तत्व वाले या लड़ी प्रकार के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। बिना अनुमति पटाखे बेचने या अवैध भंडारण करने वालों पर विस्फोटक अधिनियम 1884, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। दोषी पाए जाने पर लाइसेंस रद्द किया जाएगा और पूरा स्टाक जब्त होगा।
बचे हुए पटाखों को भेजना होगा दिल्ली के बाहर
आदेश में साफ कहा गया है कि लाइसेंस विक्रेता लाइसेंस लेने के बाद 18 से 20 अक्टूबर तक ही पटाखे बचे पाएंगे। अगर विक्रेता के पूरे पटाखे नहीं बिके हैं तो उसे वह स्टोर भी नहीं कर सकता है। उसे दो दिन के भीतर पटाखों को दिल्ली से बाहर भेजना होगा। सरकार ने पटाखा विक्रेताओं की मांग पर 22 अक्टूबर तक का समय दिया है। उसके बाद अगर उनके पास पटाखे मिलते हैं तो कार्रवाई होगी।
लाइसेंस के लिए ऐसे करें आवेदन
- हरित पटाखा बिक्री के लिए सबसे पहले उपायुक्त कार्यालय से लाइसेंस का फार्म लेकर उसके लिए आवेदन करना होगा। यह आवेदन उपायुक्त और डीएम आफिस दोनों जगह किया जा सकता है।
- आवेदन के बाद दस्तावेजों की जांच होगी, तय जगह की एक टीम जांच करेगी। उसके बाद लाइसेंस जारी किया जाएगा।
इन शर्तों को पूरा करना अनिवार्य
- दुकान में नौ वर्गमीटर की जागह होनी चाहिए।
- दो दुकानों के बीच कम से कम छह मीटर की दूरी होनी चाहिए।
- दुकान के अंदर आग से निपटने के उपाय होने चाहिएं।
- दुकान वाली जगह पर वेंटिलेशन भी होना चाहिए।
लोगों को किया जाएगा जागरुक
- पटाखों के बिक्री के स्थलों की जानकारी की जाएगी सार्वजनिक
- जो स्थान पटाखे जलाने के लिए चिह्नित होंगे वहां सुरक्षा के भी इंतजाम रहेंगे
- साथ ही चिह्नित स्थानों पर भी केवल हरित पटाखे जलाने की अनुमति होगी
नियमों के उल्लंघन पर रहेगी पुलिस की नजर
- पुलिस ने हर जिले में विशेष निगरानी दल गठन किया है। इसमें दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, एमसीडी, जिला प्रसाशन और अन्य विभाग शामिल हैं
- ये टीमें बाजारों व पटाखों के भंडारण स्थलों पर जाकर ग्रीन पटाखों पर लगे क्यूआर कोड की जांच करेंगी।
- संधिग्ध पटाखों के औचक निरीक्षणों में सैंपल भी उठाए जाएंगे
- उन्हें पेट्रोलियम एंड एक्सपोजिव सेफ्टी आर्गनाइजेशन को जांच के लिए भेजा जाएगा
- पुलिस ने क्या कार्रवाई अवैध पटाखों को लेकर की है इसकी रिपोर्ट प्रत्येक दिन मुख्यालय भेजनी होगी।
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