Nagpur Violence: नागपुर हिंसा मामले में अब तक 114 गिरफ्तार, सोशल मीडिया की भी हो रही जांच
छत्रपति संभाजीनगर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विहिप के विरोध प्रदर्शन के बाद अफवाह फैलने पर 17 मार्च को नागपुर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी हुई थी। हिंदू समुदाय के लोगों की गाड़िंयों दुकानों और घरों को उप्रद्रवियों ने निशाना बनाया था। हिंसा के मामले में अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पीटीआई, नागपुर। नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के मामले में अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने कहा कि पुलिस हिंसा के समय प्रसारित की गई इंटरनेट मीडिया पोस्ट की जांच कर रही है। उन्हें अपलोड करने में शामिल कुछ लोगों की पहचान की गई है।
गाड़ियों, दुकानों और घरों को उप्रद्रवियों ने निशाना बनाया था
छत्रपति संभाजीनगर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विहिप के विरोध प्रदर्शन के बाद अफवाह फैलने पर 17 मार्च को नागपुर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी हुई थी। हिंदू समुदाय के लोगों की गाड़ियों, दुकानों और घरों को उप्रद्रवियों ने निशाना बनाया था।
इस दौरान तीन पुलिस अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। हिंसा के बाद शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। सिंघल ने कहा कि इस मामले में 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों को अदालत में पेश किया गया। जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
आरोपित के स्वजन ने कहा, नगर निगम ने की बदले की कार्रवाई
नागपुर में 17 मार्च को हुई सांप्रदायिक हिंसा के आरोपित यूसुफ शेख के भाई ने आरोप लगाया है कि नगर निगम ने सभी वैध दस्तावेज और निर्माण की स्वीकृति होने के बावजूद उनके घर के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया।
अयाज ने इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया
अयाज शेख ने दावा किया कि उनके भाई यूसुफ शेख का मकान वैध है, लेकिन नागपुर नगर निगम (एनएमसी) ने सोमवार को उसकी बालकनी को अवैध बताकर ढहा दिया। अयाज ने इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया। बांबे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने यूसुफ शेख और सांप्रदायिक हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तोड़फोड़ पर रोक लगा दी थी।
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