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हमले की सूरत में नॉर्थ कोरिया पर न्‍यूक्लियर अटैक करने से नहीं हिचकेगा US

अमेरिका ने साफ कर दिया है कि यदि नॉर्थ कोरिया ने उसके सहयोगियों या उस पर हमला किया तो वह बचाव में परमाणु हथियार इस्‍तेमाल करने से परहेज नहीं करेगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 03 Feb 2017 08:19 AM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2017 04:20 PM (IST)
हमले की सूरत में नॉर्थ कोरिया पर न्‍यूक्लियर अटैक करने से नहीं हिचकेगा US
हमले की सूरत में नॉर्थ कोरिया पर न्‍यूक्लियर अटैक करने से नहीं हिचकेगा US

नई दिल्ली/वाशिंगटन (रॉयटर)। अमेरिका ने उत्तर कोरिया को कड़ी चेतावनी देतेे हुए कहा है कि यदि उसके सहयोगी देशों पर परमाणु युद्ध थोपा गया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रक्षा सचिव जिम मैटिस ने यह बयान सियोल की दो दिनों की यात्रा के अंतिम दिन दिया। उन्होंने आगाह किया है कि यदि उनके सहयोगियों या अमेरिका पर इस तरह का कोई हमला हुआ तो न सिर्फ दुश्मन को परास्त किया जाएगा बल्कि इसके लिए यदि परमाणु हथियार का इस्तेमाल भी करना पड़ा तो भी अमेरिका पीछे नहीं हटेगा।

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नॉर्थ कोरिया पर लगे हैं कई प्रतिबंध

मैटिस ने यह बयान उस खबर के संदर्भ में दिया है जिसमें कहा गया है कि उत्तर कोरिया जल्द ही एक बार फिर से बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण कर सकता है। अमेरिका ने इसको एक ट्रंप प्रशासन को मिली चुुनौती के तौर पर लिया है। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया लगातार दक्षिण कोरिया पर हमला कर उसको खत्म करने की धमकी देता रहा है। वहीं दक्षिण कोरिया का अमेरिका एक अहम सहयोगी है। उत्तर कोरिया ने प्रतिंबधो के बाद भी पिछले वर्ष कई मिसाइल परीक्षण के अलावा दो बार परमाणु परीक्षण भी किए थेे। इन परीक्षणें के बाद उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से भी प्रतिबंध लगाए गए थे।

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परमाणु हथियारों का निर्माण है उत्तर कोरिया का मकसद

इतना ही नहीं अमेरिका के थिंक टैंक के मुताबिक बार-बार चेतावनी देने के बाद भी उत्तर कोरिया ने अपने यहां परमाणु बम बनाने में काम आने वालेे प्लूटोनियम को पाने के मकसद से योंगब्योन क्लियर फसेलिटी को दोबारा से शुरू किया हैै। वहीं मैटिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है। इसका मकसद परमाणु हथियार बनाना है। इसके जरिए वह अमेरिका और दक्षिण कोरिया को धमकी देना चाहता है।

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दक्षिण कोरिया में थाढ की तैनाती

मैटिस का कहना था कि उत्तर कोरिया के इस रुख की वजह से अमेरिका दक्षिण कोरिया में इस वर्ष के अंत तक टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) जो कि एक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है को तैनात कर देगा। हालांकि चीन इस क्षेत्र में थाड की तैनाती का विरोध कर रहा है। उसका कहना है कि थाड की तैनाती से इस क्षेत्र में अनिश्चितता और असुरक्षा की भावना पैदा होगी। चीन ने इस बाबत दक्षिण कोरिया के कुछ विपक्षी नेताओं को अपने हक में कर इस फैसले को रद करने की गुजारिश की है।

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सुरक्षा के लिए काफी अहम है थाड

दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री हान मिन कू ने अमेरिकी रक्षा सचिव की उत्तर कोरिया की पहली यात्रा के मौके पर कहा कि थाड की तैनाती उनके देश की सुरक्षा के लिए काफी अहम है। उनके इस बयान से यह साफ हो गया है कि वह इस सिस्टम की तैनाती के लिए तैयार है। गौरतलब है कि यदि उत्तर कोरिया इंटर कॉटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल बनाने में सफल हो जाता है तो अमेरिका के लिए खतरा काफी बढ़ जाएगा। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच की दूरी करीब 9000 किमी है, जबकि आईसीबीएम की न्यूनतम रेंज 5500 किमी होती है, लेकिन डिजाइन में फेरबदल कर इसको दस हजार किमी तक बढ़ाया जा सकता है।

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