दक्षिण अफ्रीका में बापू की प्रतिमा का अनावरण
दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी के लौटने के सौ साल पूरे होने पर यहां के रस्टेनबर्ग शहर में उनकी एक प्रतिमा का अनावरण किया गया।
जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी के लौटने के सौ साल पूरे होने पर यहां के रस्टेनबर्ग शहर में उनकी एक प्रतिमा का अनावरण किया गया। रोचक बात है कि यह प्रतिमा वहां उनके धुर विरोधी रहे पूर्व राष्ट्रपति पॉल क्रुगर की प्रतिमा के पास ही लगाई गई है।
इस प्रतिमा का अनावरण भारतीय उच्चायुक्त रूचि घनश्याम ने किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भारत और दक्षिण अफ्रीका के लिए एक विरासत का हिस्सा हैं। दोनों देशों के बीच दोस्ती और भाईचारे का अटूट बंधन है। इस विरासत को दक्षिण अफ्रीका के महान नेता नेल्सन मंडेला ने आगे बढ़ाया। उन्होंने महात्मा गांधी से ही सीख लेकर और उनके दर्शनों पर चलकर अपने देश को आजादी दिलाने में नेतृत्व किया।
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इस अवसर पर इतिहासकार और गांधीवादी विद्वान एरिक इत्जकिन ने इसे एक विडंबना बताया। उन्होंने कहा कि 1893 में जब युवा एमके गांधी दक्षिण अफ्रीका आए, तब एक कांस्टेबल ने उन्हें प्रिटोरिया में तत्कालीन राष्ट्रपति क्रुगर के आवास के बाहर फुटपाथ से हटा दिया था। उन्होंने कहा कि क्रुगर के पास गांधी की प्रतिमा लगाना उनकी मान्यता और क्षतिपूर्ति का अहसास कराता है।
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