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    भूकंप से धराशायी नेपाल की अर्थव्यवस्था

    By Shashi BhushanEdited By:
    Updated: Tue, 28 Apr 2015 08:44 AM (IST)

    राजनीतिक अस्थिरता से उबर पटरी पर आ रही नेपाल की अर्थव्यवस्था को शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप ने कई दशक पीछे धकेल दिया है। लगातार दो दिन आए भूकंप के श ...और पढ़ें

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजनीतिक अस्थिरता से उबर पटरी पर आ रही नेपाल की अर्थव्यवस्था को शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप ने कई दशक पीछे धकेल दिया है। लगातार दो दिन आए भूकंप के शक्तिशाली झटकों से हुई आर्थिक हानि का आंकड़ा नेपाल के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से भी अधिक हो सकता है।

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    यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के शुरुआती अनुमान के अनुसार लामजुंग में आए 7.9 तीव्रता वाले भूकंप से नुकसान एक से 10 अरब डालर के बीच हो सकता है। इसमें कोडारी में रविवार को आए 6.7 तीव्रता वाले भूकंप से हुई तबाही को भी जोड़ लिया जाए तो नुकसान का आंकड़ा नेपाल की जीडीपी से अधिक हो सकता है।

    वर्ष 2013 में नेपाल का जीडीपी 19.29 अरब डालर था। 1934 के बाद यहां सर्वाधिक शक्तिशाली भूकंप आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस भूकंप की मार से उबरने में नेपाल को कई वर्ष लग जाएंगे। नेपाल की अर्थव्यवस्था मुख्यत: सेवा क्षेत्र पर आधारित है। यहां के जीडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान 52 प्रतिशत से अधिक है। इस क्षेत्र में आय का प्रमुख जरिया पर्यटन उद्योग है।

    यहां यूनेस्को की सात विश्व धरोहर हैं। हर साल लगभग आठ लाख विदेशी पर्यटक आते हैं जिससे देश को करीब 45 करोड़ डालर की आय होती है। साथ ही देश में सात प्रतिशत रोजगार का सृजन भी इसी क्षेत्र से होता है। इस तरह पर्यटन क्षेत्र नेपाल की निर्यात से होने वाली आय का लगभग 21 प्रतिशत है। इसके अलावा दूसरी आय का जरिया बाहर के देशों खासकर भारत में बसे नेपाली लोग जो धनराशि स्वदेश भेजते हैं वह है।

    नेपाली लोग हर साल लगभग 5.5 अरब डालर धनराशि स्वदेश भेजते हैं जो वहां के जीडीपी का लगभग 29 प्रतिशत है। भूकंप की मार काठमांडू, पोखरा, भरतपुर और पनावटी जैसे शहरों पर सबसे अधिक पड़ी है। नेपाल के लिए सबसे चिंता की बात यह है कि जिस तरह देश अपनी अर्थव्यवस्था का आधार मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र को बनाने की कोशिश कर रहा था, उन कोशिशों को भूकंप ने बड़ा झटका दिया है। 1990 से पहले यहां की अर्थव्यवस्था मेंं मुख्यत: कृषि का योगदान था लेकिन अब यह घटकर 33 प्रतिशत रह गया है। नेपाल के जीडीपी में 52.2 प्रतिशत योगदान अब सेवा क्षेत्र का है। इसके अलावा यहां डाबर, आइटीसी और वरुण ब्रेवरेज जैसी कंपनियों ने भी अपनी इकाइयां लगाई हैं।

    नेपाल : एक नजर में

    जनसंख्या : 27.80

    जीडीपी : 19.29 अरब डालर

    गरीबी : 25 प्रतिशत

    औसत आयु : 68 वर्ष

    शहरी आबादी: 17.87 प्रतिशत

    बिजली की उपलब्धता: 76 प्रतिशत

    विदेश से नेपालियों की कमाई: 5.5 अरब डालर

    संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक पर : 145 रैंक

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