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    शियाओं को मुस्लिम नहीं मानते सुन्नी, सदियों पुराने हैं शिया-सुन्नी मतभेद

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    Updated: Sun, 22 Jun 2014 09:49 AM (IST)

    चरमपंथी संगठन आइएसआइएस जैसे-जैसे इराक के लिए खतरा बनता जा रहा है, वैसे-वैसे इराक के साथ-साथ अन्य देशों के शिया मुसलमानों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। इ ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली (जागरण न्यूज नेटवर्क)। चरमपंथी संगठन आइएसआइएस जैसे-जैसे इराक के लिए खतरा बनता जा रहा है, वैसे-वैसे इराक के साथ-साथ अन्य देशों के शिया मुसलमानों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। इराक के मौजूदा हालात शिया और सुन्नियों के बीच तनाव बढ़ाने का कारण बन रहे हैं। इन दोनों के बीच वर्ष 632 में मुहम्मद साहब के निधन के बाद से ही उनके उत्तराधिकारी को लेकर उपजे मतभेद अब तक कायम हैं। हालांकि, दोनों में बहुत कुछ साझा है, लेकिन वे कुछ इस्लामी मान्यताओं की व्याख्या अलग-अलग तरह से करते हैं।

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    दुनिया में मुसलमानों की कुल आबादी में शियाओं के मुकाबले सुन्नी अधिक हैं। कुछ समय पहले 2011-12 में अमेरिकी संस्था पियू रिसर्च सेंटर की ओर से 200 देशों में किए गए सर्वे के अनुसार 2009 में कुल मुस्लिम आबादी एक अरब 57 करोड़ थी और यह कुल आबादी (छह अरब 80 करोड़) का 23 फीसद थी। कुछ मुस्लिम संगठन इससे ज्यादा आबादी होने का दावा करते हैं। वैसे इसमें दोराय नहीं कि मुस्लिम ईसाइयों के बाद दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। पियू के अनुसार कुल मुस्लिम आबादी में से 80 फीसद एशिया और उत्तरी अफ्रीका में है। पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में मुस्लिम आबादी बहुल देश सबसे अधिक हैं।

    गैर इस्लामिक देशों में रहते हैं ज्यादा मुस्लिम

    तीस करोड़ मुस्लिम ऐसे देशों में रहते हैं जो इस्लामी देशों के तौर पर नहीं जाने जाते, जैसे कि भारत। चीन में सीरिया से अधिक मुस्लिम हैं। इसी तरह जार्डन और लीबिया, दोनों से ज्यादा मुस्लिम रूस में हैं। मुसलमानों की कुल आबादी में 10-13 फीसद शिया हैं, 87-90 फीसद सुन्नी ।

    ज्यादातर शिया ईरान, इराक, अजरबैजान, पाकिस्तान और भारत में हैं। इसके अलावा वे बहरीन और सीरिया के कुछ हिस्सों के अलावा दक्षिणी लेबनान में भी हैं। सऊदी अरब और तुर्की में भी उनकी आबादी 10-15 फीसद है। लंबे समय से अशांति और उसके चलते पलायन से जूझ रहे इराक में इस समय शिया और सुन्नी आबादी की ठीक-ठीक गणना करना कठिन है। इसलिए और भी, क्योंकि हाल के वर्षो में इराक से कुछ आबादी पड़ोसी देशों को पलायन कर गई है तो सीरिया से कुछ आबादी इराक आ गई है। 2007 में किए गए एक सर्वे के मुताबिक इराक में करीब 49 फीसद आबादी शिया थी। पियू रिसर्च सेंटर सर्वे के हिसाब से इराक में शिया 51 फीसद हैं और सुन्नी 42 फीसद। इसके विपरीत पड़ोसी देश ईरान में 90 से 95 फीसद आबादी शिया है।

    इराक के पूर्व शासक सद्दाम हुसैन सुन्नी थे और इसीलिए उनके समय में ईरान-इराक में तनातनी चलती रहती थी। एक बार युद्ध भी छिड़ा। जहां कुछ देशों में शिया और सुन्नियों में गहरे मतभेद हैं और दोनों अपनी अलग पहचान के प्रति मुखर रहते हैं वहीं कुछ देशों में वे खुद को केवल मुस्लिम कहलाना पसंद करते हैं। पियू के सर्वे के अनुसार, कजाकिस्तान में 74 फीसद और इंडोनेशिया में 56 फीसद मुसलमानों ने खुद को शिया या सुन्नी के रूप में चिन्हित करने से इन्कार किया। उन्होंने खुद को केवल मुस्लिम बताया। इसके विपरीत इराक में ऐसा कहने वाले केवल 5 फीसद थे। 2011 में इराक के 14 फीसद सुन्नियों ने कहा कि वे शियाओं को मुसलमान नहीं मानते। इसके विपरीत सुन्नियों को मुसलमान न मानने वाले शिया सिर्फ एक फीसद थे। मिस्त्र के 53 फीसद सुन्नियों ने भी कहा कि शिया मुस्लिम नहीं हैं। आइएसआइएस सरगना अबू बकर बगदादी भी शियाओं को मुस्लिम मानने से इन्कार करता है।

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