Move to Jagran APP

रूस से वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस-400 'ट्रिम्फ' खरीदेगा भारत

पुतिन ने कहा है कि 'विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझीदार' भारत को आधुनिक हथियार और रक्षा तकनीक की आपूर्ति में रूस अभी भी शीर्ष पर है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 13 Oct 2016 10:57 PM (IST)Updated: Sat, 15 Oct 2016 10:56 AM (IST)
रूस से वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस-400 'ट्रिम्फ' खरीदेगा भारत

मॉस्को, प्रेट्र/आइएएनएस : रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शनिवार को गोवा में वार्ता के बाद दोनों देश लंबी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस-400 'ट्रिम्फ' के खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने कहा है कि 'विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझीदार' भारत को आधुनिक हथियार और रक्षा तकनीक की आपूर्ति में रूस अभी भी शीर्ष पर है।

loksabha election banner

एस-400 'ट्रिम्फ' पर खास जोर

रूसी समाचार एजेंसी 'तास' ने राष्ट्रपति पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से बताया कि उक्त समझौते के अलावा उसी दिन कुछ और दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। भारत ने पांच आधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद में रुचि दिखाई है। इस प्रणाली के जरिये तीन प्रकार की मिसाइलें छोड़ी जा सकती हैं जिससे प्रतिरक्षा की एक परत तैयार हो जाती है और एक साथ 36 लक्ष्यों को निशाना बनाया जा सकता है। इसमें 400 किलोमीटर की दूरी तक शत्रु के हवाई जहाजों, मिसाइलों और ड्रोन्स को नष्ट करने की क्षमता है। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद भारत इस प्रणाली का चीन के बाद दूसरा ग्राहक बन जाएगा। इसके अलावा रूस की भारतीय नौसेना के लिए 11356 फ्रिगेट परियोजना और कैमोव केए-226टी हेलीकॉप्टर के संयुक्त उत्पादन समझौते पर भी हस्ताक्षर करने की योजना है।

पढ़ें- अमेरिका ने पहली बार हाउती विद्रोहियों पर दागीं मिसाइलें

उधर, 'आइएएनएस' और रूसी 'स्पुत्निक वायर सर्विस' को संयुक्त रूप से ईमेल के जरिये दिए एक विशेष साक्षात्कार में पुतिन ने कहा कि हथियार और रक्षा तकनीक के अलावा उनका देश भारत के साथ संयुक्त शोध और सैन्य सामग्री के उत्पादन में भी सहयोग कर रहा है। उन्होंने सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के विकास और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के निर्माण में भारत-रूस साझेदारी को भी रेखांकित किया।

'आतंक के खिलाफ अभियान में रूस देगा साथ '

शनिवार से गोवा में शुरू हो रहे ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के दो दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पुतिन भारत आ रहे हैं। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से हथियारों की बढ़ती खरीद से ऐसी धारणा बनी है कि भारत ने सैन्य कूटनीतिक क्षेत्र में रणनीतिक बदलाव किया है। इस परिप्रेक्ष्य में पुतिन की उक्त टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि परंपरागत रूप से रूस भारत के लिए सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता देश रहा है। आतंकवाद के मसले पर पुतिन ने साफ कहा कि मॉस्को और अन्य ब्रिक्स देश आतंकवाद के खिलाफ नई दिल्ली की लड़ाई का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पढ़ें- रूस ने बाल्टिक क्षेत्र में तैनात की परमाणु मिसाइलें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.