डोनाल्ड ट्रंप की रिस्क टेकर डील मेकर कैबिनेट, जानें किसे मिला कौन सा मंत्रालय
ट्रंप ने अपनी कैबिनेट में ऐसे लोगों को चुना है जो कि 'बॉस' हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपना मंत्रिमंडल भी चुन लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत की एेतिहासिक कहानी लिख चुके डोनाल्ड ट्रंप अपनी कैबिनेट को भी अलग तरीके से तैयार किया है। ट्रंप कैबिनेट की खास बात यह है कि ज्यादातर अपने-अपने क्षेत्रों में लीडर रहे हैं। ट्रंप की कैबिनेट में सभी गोरी नस्ल के बुजुर्ग और धनी लोग हैं। इन सभी सदस्यों के बारे में बताया जा रहा है कि ये जोखिम लेने वाले और डील तय करने में पारंगत हैं। बता दें कि ट्रंप ने पहले ही कहा था कि अब तक की सरकार में ऐसे लोग रहे हैं, जिनके पास सरकारी अनुभव तो काफी रहा, लेकिन त्याग-बलिदान की भावना नहीं थी। यही कारण माना जा रहा है कि ट्रंप ने अपनी कैबिनेट में ऐसे लोगों को चुना है जो कि 'बॉस' हैं।
रयान जिंके, आंतरिक मामलों के मंत्री
मोंटाना से जीत कर ट्रंप की कैबिनेट में शामिल हुए रिपब्लिकन नेता पूर्व नेवी सील कमांडर हैं। इनके बारे में गौर करने वाली बात यह है कि सभी रिपब्लिकन नेताओं की तरह जिंके भी सार्वजनिक भूमि को फेडरल के तहत रखना चाहते हैं। वह उसी जमीन पर ड्रिलिंग और माइनिंग के लिए भी जाने जाते हैं, जिसका वादा डोनाल्ड ट्रंप ने किया था।
रेक्स टिलरसन, विदेश मंत्री
ट्रम्प ने एक्सनमोबिल कॉरपोरेशन के सीईओ रेक्स टिलरसन को विदेश मंत्री बनाया है। टिलरसन के पास सरकार या सेना में काम करने का कोई अनुभव नहीं है। टिलरसन का रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के साथ लंबे समय तक कारोबारी रिश्ता रहा है।
स्टीवन म्नुचिन, वित्त मंत्री
ट्रंप की कैंपेन में फाइनेंस चेयरमैन रह चुके हॉलिवुड प्रोड्यूसर स्टीवन म्नुचिन को अमेरिका के वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे ड्यून कैपिटल मैनेजमेंट और रैटपैक ड्यून एंटरटेनमेंट के संस्थापक भी रहे हैं। स्टीवन के पास भी सरकार में रहने का कोई अनुभव नहीं है।
जेम्स मैटिस, रक्षा मंत्री
जेम्स मैटिस रिटायर्ड अमेरिकी मरीन कॉर्प्स जनरल हैं। उन्हें मैड डॉग और वॉरियर मॉन्क के नाम से भी जाना जाता है। वह अमेरिका की सेंट्रल कमांड में कमांडर रह चुके हैं। अपने बेबाक बयानों से कई बार वह विवादों में पड़ चुके हैं। वह ट्रंप द्वारा चुने गए उन लोगों में से एक हैं, जो अपने ट्रैक रिकॉर्ड नहीं बल्कि राजनीतिक तरजीह की वजह से विवादों में हैं।
जेफ सेशंस, अटॉर्नी जनरल
अलबामा से जूनियर सिनेटर हैं। वह साउदर्न बॉर्डर पर दीवार बनाने के ट्रंप के आइडिया के समर्थक रहे हैं। वह नस्लीय कॉमेंट करने के लिए भी विवादों में रहे हैं। एेसे समय पर जब पुलिस की अश्वेतों पर अत्याचार बढ़े हैं, एेसे में उन्हें अमेरिकी न्याय विभाग का अध्यक्ष बनाया जाना चिंताजनक है।
जॉन कैली, गृह मंत्री
साउदर्न कमांड में कमांडर रह चुके हैं। सेना में महिलाओं के आक्रामक रोल में आने का विरोध करने पर उनकी आलोचना भी हुई थी।
सोनी पर्ड्यू, कृषि मंत्री
जॉर्जिया के पूर्व गवर्नर रह चुके हैं और फिलहाल बाइपरटिसान पॉलिसी सेंटर के गवर्नर्स काउंसिल में काम कर रहे हैं। उन्हें कृषि के क्षेत्र में अनुभव है, लेकिन वह जलवायु परिवर्तन को लेकर उलझन में हैं।
बेट्सी डेवॉस, शिक्षा मंत्री
एक अरबपति हैं और मिशिगन रिपब्लिकन पार्टी की पूर्व अध्यक्ष रही हैं। उनकी नियुक्ति को लेकर पब्लिक स्कूल यूनियनें काफी चिंता में हैं, क्योंकि वह चार्टर स्कूलों की प्रस्तावक हैं।
निक्की हेली, संयुक्त राष्ट्र में राजदूत
भारतीय मूल की निक्की हेली साउथ कैरोलिना की गवर्नर रही हैं। ओआरएफ के वाइस प्रेसिडेंट समीर सरन के अनुसार वह ट्रम्प कैबिनेट में विविधता लाने वाली शख्स हैं और विविध मसलों पर सुरक्षा परिषद में प्रमुख अमेरिकी चेहरा होंगी।
जैरेड कुशनेर, राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार
न्यू यॉर्क के रियल एस्टेट कारोबारी और ट्रम्प के दामाद जैरेड कुशनेर अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार होंगे। कॉलमिस्ट सदानंद धुमे के अनुसार इवांका के पति कुशनेर अपने ससुर ट्रम्प के काफी करीबी है। हालांकि उनकी नियुक्ति को लेकर कुनबापरस्ती और हितों के टकराव का मसला भी छाया रहा है।
रेइंस प्रिएबस, चीफ ऑफ स्टाफ
डोनाल्ड ट्रम्प के चीफ ऑफ स्टाफ (COS) बनने जा रहे रेइंस इसके पहले रिपब्लिकन नेशनल कमिटी के चेयरमैन थे। उन्हें करार कराने का विशेषज्ञ माना जाता है। उन्हें व्हाइट हाउस में नीति निर्धारण का मुखिया बनाया जा सकता है।
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