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मोदी का चीन से बड़ा सवाल, गुलाम कश्मीर से गलियारा क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिवसीय यात्रा पर चीन से आपसी विश्वास बहाल करने के साथ ही सीमा विवाद को भी सुलझाने की कोशिश की। सांस्कृतिक जमीन पर विवादित मुद्दों को सुलझाने में चीनी की मिठास घोलने का माहौल बनाया।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 15 May 2015 01:45 AM (IST)Updated: Fri, 15 May 2015 05:49 AM (IST)
मोदी का चीन से बड़ा सवाल, गुलाम कश्मीर से गलियारा क्यों?

शियान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिवसीय यात्रा पर चीन से आपसी विश्वास बहाल करने के साथ ही सीमा विवाद को भी सुलझाने की कोशिश की। सांस्कृतिक जमीन पर विवादित मुद्दों को सुलझाने में चीनी की मिठास घोलने का माहौल बनाया। मोदी ने यह यात्रा बीजिंग के बजाय चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के गृहनगर शियान से शुरू कर द्विपक्षीय संबंधों की मजबूत नींव रखी। मोदी ने गुलाम कश्मीर (पीओके) से होकर जाने वाले आर्थिक गलियारे के लिए चीन के 46 अरब डॉलर (करीब 29 खरब 25 अरब 82 करोड़ रुपये) के निवेश का भी मुद्दा उठाया।

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शी चिनफिंग ने प्रोटोकाल तोड़ किया मोदी का स्वागत

पहली चीन यात्रा पर शियान पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी का शी चिनफिंग ने प्रोटोकाल तोड़कर गर्मजोशी से स्वागत किया। पहले दिन ही खुशनुमा माहौल में मोदी ने 90 मिनट की द्विपक्षीय वार्ता में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के समक्ष तल्ख मुद्दे भी उठाए। द्विपक्षीय बातचीत की औपचारिक घोषणा शुक्रवार को होगी। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच प्रतिनिधि दल स्तरीय सार्थक बातचीत हुई। रात में प्रधानमंत्री मोदी राजधानी बीजिंग पहुंच गए। आज यहां दोनों नेताओं के बीच औपचारिक बातचीत होनी है।

नत्थी वीजा पर सवाल

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के निवासियों को चीन के नत्थी वीजा जारी करने पर भी सवाल उठाया। गौरतलब है कि चीन भारतीय पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है।

सुरक्षा परिषद व एनएसजी पर चर्चा

दोनों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और वैश्विक मुद्दों पर बात हुई। आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और परमाणु आपूर्तिकर्ता संगठन (एनएसजी) में भारत की सदस्यता पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

नई इबारत लिखेगा दौरा : चिनफिंग

शी ने मोदी से बातचीत शुरू करते हुए कहा, 'पहली बार मैंने एक विदेशी नेता से अपने गृहनगर में मुलाकात की है। ..भारत-चीन संबंध व्यापक पहलुओं पर स्थिर विकास का अनुभव कर रहे हैं।' चिनफिंग ने उम्मीद जताई की भारतीय नेतृत्व का यह दौरा द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की नई इबारत लिखेगा। उन्होंने मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले साल सिंतबर में भारत यात्रा में उनके हार्दिक स्वागत का उन पर गहरा और अच्छा असर हुआ है।

चीन में मोदी का पहला दिन..

-गुरुवार सुबह चार बजे प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे चिनफिंग के गृहनगर शियान।

-एयरपोर्ट पर चीनी परिधान में सजी नन्हीं बालिका ने मोदी का स्वागत किया। मोदी ने उसे दुलारा।

-होटल में विश्राम बाद वे सबसे पहले प्राचीन शिंगशान मंदिर पहुंचे व पूजा की।

-मंदिर के बाद वे टेराकोटा वॉरियर मेमोरियल गए। यहां चीन के शहीद सैनिकों की 2225 साल पुरानी मूर्तियां हैं। चीन के पहले शासक किन शी हांग ने इनका निर्माण कराया था।

-फिर वाइल्ड गूज पैगोड़ा (बौद्ध मंदिर) गए। दोनों नेताओं ने पूजा की। 652 ईसा पूर्व में चीन के टैंग राजवंश ने इसका निर्माण कराया था।

-बौद्ध मंदिर में मोदी ने बोधि वृक्ष का पौधा भेंट किया। बदले में उन्हें बुद्ध की प्रतिमा भेंट की गई।

-मोदी का साऊथ सिटी वॉल में भी भव्य स्वागत किया गया।

-बीजिंग में राष्ट्रपति चिनफिंग ने मोदी के सम्मान में रात्रिभोज दिया।

चीनी नक्शे से अरुणाचल, कश्मीर गायब

चीन सरकार भारत के साथ दोस्ताना रिश्तों की बात करने के साथ सीमा विवाद को भी बार-बार सामने ले आती है। राष्ट्रपति चिनफिंग के गत वर्ष सितंबर में भारत दौरे के वक्त लद्दाख के चुमार सेक्टर में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी। अब प्रधानमंत्री मोदी चीन दौरे पर हैं तो चीन के सरकारी मीडिया में जारी भारत के नक्शे से अरुणाचल प्रदेश व कश्मीर को गायब कर दिया गया है।

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