अमेरिकी विज्ञान प्रतियोगिता में छाए भारतीय किशोर
टेक्सास के प्लेनो में रहने वाली 16 वर्षीय जुड़वा बहनों श्रेया और आध्या बिसेम ने गुरुवार को 17वीं सीमंस गणित, विज्ञान और प्राद्योगिकी प्रतियोगिता में एक लाख डॉलर की पुरस्कार राशि

ह्यूस्टन, प्रेट्र/आइएएनएस : अमेरिका की एक प्रतिष्ठित विज्ञान प्रतियोगिता में भारतीय मूल की दो जुड़वा बहनों समेत तीन किशोर पूरी तरह छा गए। उन्होंने अपने शोध के लिए दो लाख डॉलर (करीब 1.35 करोड़ रुपये) के इनाम वाली स्कालरशिप जीत ली है। इनके शोध से सिजोफ्रेनिया समेत कई समस्याओं के निदान में डॉक्टरों को मदद मिल सकती है।
टेक्सास के प्लेनो में रहने वाली 16 वर्षीय जुड़वा बहनों श्रेया और आध्या बिसेम ने गुरुवार को 17वीं सीमंस गणित, विज्ञान और प्राद्योगिकी प्रतियोगिता में एक लाख डॉलर की पुरस्कार राशि साझा की। 11वीं में पढ़ने वाली बहनों ने सिजोफ्रेनिया के निदान के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया है। जबकि ओरेगन एपिस्कपल स्कूल के विनीत इदुपुगनती ने एक लाख डॉलर का शीर्ष व्यक्तिगत पुरस्कार जीता है।
उन्होंने एक ऐसी बैटरी विकसित की है जिससे डॉक्टरों को शरीर में सेहत से जुड़ी समस्याओं की निगरानी करने में मदद मिल सकती है। उनके इस खोज की प्रतियोगिता के जजों ने खासतौर पर तारीफ की। सीमंस फाउंडेशन के सीईओ डेविड इट्सविलर ने कहा, 'इन छात्रों ने दुनिया के लाखों लोगों की जिंदगी बदलने की क्षमता दिखाई है।'
अंकल को खोने से मिली प्रेरणा
कई साल पहले अपने अंकल को खोने वाली श्रेया और आध्या ने कहा कि उनकी बीमारी का कई सालों तक पता नहीं चल सका था। वह सिजोफ्रेनिया से पीडि़त थे। बहुत देर से पता चलने और उपचार में देरी के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। इससे प्रेरित होकर उन्होंने यह शोध किया।
व्यक्तिगत श्रेणी में तीन पुरस्कृत
स्कॉलरशिप अवार्ड के व्यक्तिगत श्रेणी में लॉस एल्टस के मनन शाह, प्लेनो के प्रतीक कलाकुंतल और टॉवर लेक्स के प्रणव शिवकुमार ने पुरस्कार जीते हैं। इनको क्रमश: 50 हजार, 30 हजार और 20 हजार डॉलर का इनाम मिला है।
दो ने साझा किए पुरस्कार
कैलिफोर्निया के निखिल चीरला और अनीका चीरला ने 50 हजार डॉलर के स्कॉलरशिप टीम पुरस्कार साझा किया।
21,46 छात्रों ने लिया हिस्सा
प्रतियोगिता में 21,46 छात्रों ने अपने 1600 प्रोजेक्ट के साथ हिस्सा लिया। इनमें से 19 छात्र फाइनल के लिए चुने गए। फाइलन प्रतियोगिता जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में हुई।
पढ़ें- अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की नौकरी पर खतरा!
पढ़ें- अमेरिकी सिखों ने पंजाबी छात्रों के लिए जुटाए 1.70 करोड़

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।