प्रेस आजादी सूचकांक में भारत 140वें स्थान पर
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक-2014 में भारत 140वें स्थान पर है। जबकि पाकिस्तान 158वें और चीन 175वें स्थान पर है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर द्वारा मंगलवार को जारी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में फिनलैंड पहले स्थान पर है। इसके बाद नीदरलैंड और नार्वे का नंबर है। इस सूची में 180 देशों को शामिल किया गया है। 1रिपोर्ट में कहा गया है,
वाशिंगटन। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक-2014 में भारत 140वें स्थान पर है। जबकि पाकिस्तान 158वें और चीन 175वें स्थान पर है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर द्वारा मंगलवार को जारी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में फिनलैंड पहले स्थान पर है। इसके बाद नीदरलैंड और नार्वे का नंबर है। इस सूची में 180 देशों को शामिल किया गया है। 1रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत में पत्रकारों के खिलाफ अभूतपूर्व हिंसा हुई है। 2013 में भारत में आठ पत्रकार मारे गए। उन्हें सरकारी और गैर सरकारी लोगों द्वारा निशाना बनाया गया। वैसे तो भारत के प्रत्येक क्षेत्र में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुई हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर और छत्तीसगढ़ ऐसे राज्य हैं जहां इस प्रकार की हिंसा और सेंसरशिप जारी है।'
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रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकारों को धमकी देने और उनके खिलाफ हिंसा के मामलों में पुलिस, सुरक्षा बल, आपराधिक गिरोह, प्रदर्शनकारी और राजनीतिक दलों के समर्थक शामिल हैं। ये लोग प्राय: न्यायिक तंत्र से छूट जाते हैं। सूची में अमेरिका को 46 वां स्थान मिला है। जबकि पिछले वर्ष उसे 32 वां स्थान मिला था।
रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में पाकिस्तान पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक जगहों में एक है।
पाकिस्तान में पत्रकारों को सशस्त्र संगठनों के अलावा देश की खुफिया एजेंसियों (विशेषकर आइएसआइ) से भी खतरा है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में न्याय दिलाने में रुचि की कमी है। वहां सरकार तालिबान, जिहादियों, सशस्त्र संगठनों और सैन्य तंत्र के खिलाफ शक्तिहीन प्रतीत होती है।
रिपोर्ट बताती है कि पिछले वर्ष सीरिया पत्रकारों के लिए विशेष रूप से घातक रहा। मार्च, 2011 में संघर्ष प्रारंभ होने के बाद इस देश में करीब 130 मीडियाकर्मी मारे गए हैं।
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