तनावपूर्ण रहे हैं भारत- चीन संबंध, नए सिरे से कार्य करने की जरूरत- मेनन
पूर्व विदेश सचिव और एनएसए रहे शिवशंकर मेनन ने कहा है कि भारत और चीन के संबंध तनाव पूर्ण रहे हैं।
वाशिंगटन (पीटीआई)। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा से पहले पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने कहा है कि भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं और उन पर नए सिरे से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 1988 में की गयी व्यवस्था अब 'प्रभावी' नहीं रह गयी है।
मेनन ने कहा, "भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, आप इसे देख भी सकते हैं। मजूद अजहर के मामले पर हो या एनएसजी का मुद्दा (परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह).. मुझे इस पर ज्यादा कहने की जरूरत नहीं है। दोनों के रिश्तों में तनाव है।" मेनन ने कहा कि ये वो संकेत हैं जो रिश्तों की कहानी बयां करते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पर्याप्त तौर पर सामरिक वार्ता नहीं हो रही है।
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आपको बता दें कि इसी सप्ताह के अंत में गोवा में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आ रहे हैं। पूर्व विदेश सचिव मेनन ने कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों को लेकर निराशावादी नहीं है। पिछले हफ्ते रिलीज हुई अपनी किताब, 'च्वॉइसेस: इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी' में उन्होंने लिखा है, "मैं भारत-चीन संबंधों के भविष्य को लेकर निराशावादी नहीं हूं।" यह किताब वैश्विक रूप अगले हफ्ते से बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। 2011 से 2014 तक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे मेनन ने विदेश नीति के मुद्दे पर कहा, ""निश्चित रूप से मोदी सरकार बड़ी निरंतरता के साथ आगे बढ रही है।"
उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने काफी काम किया है, चाहे वो बांग्लादेश के साथ सीमा समझौता, या फिर भारत और अमेरिका के संबंध। एक्ट ईस्ट फ्रॉम लुक ईस्ट जैसी नीतियां वास्तव में पहले की सरकार की देन है, निरतंरता अच्छी है जो भारत की नीति को दर्शाती है।" शिवशंकर मेनन 2006 से लेकर 2009 तक भारत के विदेश सचिव भी रह चुके हैं।
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