Move to Jagran APP

पाकिस्तानी नौसेना ने कहा, ग्वादर में तैनात किए जाएंगे चीनी नौसेना के जहाज

ग्वादर पोर्ट की निगरानी के लिए चीनी नौसेना के जहाज को पाकिस्तान के नौसैना के साथ तैनात किया जाएगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 26 Nov 2016 05:26 AM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2016 06:40 AM (IST)

कराची, प्रेट्र। सामरिक और व्यापारिक लिहाज से महत्वपूर्ण 46 बिलियन यूएसडी की लागत से तैयार होनेवाले ग्वादर पोर्ट की निगरानी के लिए चीन के नौसैनिक जहाज को पाकिस्तान के नौसैनिक जहाज के साथ तैनात किया जाएगा। चीन की यह ताजा रणनीति भारत के लिए चिंता पैदा कर सकती है।

loksabha election banner

चीन और पाकिस्तान के बीच आपसी संपर्क को बेहतर करने के लिए दोनों देश मिलकर करीब तीन हजार किलोमीटर लंबे आर्थिक गलियारे का निर्माण कर रहा है जो पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से अरब सागर होते हुए जिनजियांग को जोड़ेगा। इस गलियारे के निर्माण के बाद पाकिस्तान को तेल के निर्यात और मध्य एशिया, अफ्रीका में चीन के सामानों को भेजने के लिए यह सबसे सुगम कार्गो रूट बन जाएगा।

पाकिस्तान की नौसेना की तरफ से आधिकारिक बयान में कहा गया कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के तहत आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने और ग्वादर पोर्ट को ऑपरेशनल बनाने के बाद समुद्री सुरक्षाबलों की भूमिका बेहद बढ़ गई है।

पढ़ें- पाक सांसदों को सताने लगा डर, CPEC से भारत को होगा अधिक फायदा

पाकिस्तान के 'द एक्सप्रस ट्रिब्यून' ने एक अधिकारी का बयान छापा है जिसने कहा, चीनी नौसेना पाकिस्तान की नौसेना के सहयोग से पोर्ट और व्यापार कि लिहाज से अहम सीपीईसी की रक्षा करेगा।

इससे पहले, चीन लगातार ग्वादर में अपनी नौसैना के जहाज को तैनात करने की योजना से बचता रहा है। ऐसे में चीन के इस कदम से भारत और अमेरिका के अंदर बेचैनी बढ़ सकती है। विशेषज्ञ ऐसा मानते है कि सीपीईसी और ग्वादर पोर्ट चीन और पाकिस्तान के बीच आपसी सैन्य संबंध को और मजबूत करेगा और यह अरब सागर में चीन की सेना की पहुंच को आसान बना देगा।

पढ़ें- आर्थिक गलियारे पर पाकिस्तान में उठने लगे सवाल

अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक नौसैन्य अधिकारी के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान भी ग्वादर बंदरगाह पर स्पेशल स्क्वाड्रन तैनात करेगा। एक स्क्वाड्रन में चार से छह युद्धपोत होंगे। अधिकारी ने बताया कि अत्यंत तीव्र गति की ये पोतें जल्दी लाई जाएंगी।

इसके लिए चीन और तुर्की से बातचीत चल रही है। दो पोत पहले से ही ग्वादर में तैनात हैं। अखबार ने एक अन्य अधिकारी के हवाले से बताया है कि ग्वादर में क्षेत्र का सबसे बड़ा शिपयार्ड बनाने की भी योजना है। कराची स्थित पोर्ट कासिम में एक छोटे जहाज के निर्माण का प्रोजेक्ट लगाने का काम भी शुरू किया जा सकता है।

अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान नेशनल शिपिंग कॉरपोरेशन नई जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में तुर्की की मदद से कॉरपोरेशन बड़े फ्लीट टैंकर बनाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.