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    अब घर बनाना हुआ महंगा, सीमेंट समेत कई चीजों के बढ़े दाम

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Sat, 08 Apr 2017 02:23 PM (IST)

    अब आशियाना बनाना महंगा हो गया है। सरिया के दाम 36 से बढ़कर 42 रुपये हो गए हैं। 300 रुपये वाले सीमेंट का कट्टा 340 रुपये में मिल रहा है।

    अब घर बनाना हुआ महंगा, सीमेंट समेत कई चीजों के बढ़े दाम

    जेएनएन, पानीपत। सीमेंट सरिया रोड़ी, कोरसेंट के दाम में उछाल आ गया है। इससे आशियाना बनाना अब महंगा हो जाएगा। सरिया के दाम 36 से बढ़कर 42 रुपये हो गए हैं। 300 रुपये वाले सीमेंट का कट्टा 340 रुपये में मिल रहा है।

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    रोड़ी तथा कोरसेंट के दाम में 5-7 रुपये फुट तेजी दर्ज की गई है। लोहा व्यापारियों का कहना है कि कच्चे माल की किल्लत के कारण सरिया में तेजी दर्ज की गई है। वहीं सीमेंट तथा रोडी कोरसेंट में तेजी के कारण अब गाड़ियां ओवर लोड नहीं चलेंगी। अंडर लोड गाड़ियां चलने के कारण किराये पर असर पड़ेगा। इस कारण रोडी कोरसेंट में तेजी दर्ज की गई है। हालांकि रेत के भाव में पहले से वृद्धि हुई है, लेकिन रेत के भाव में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। रेत के कारोबारियों का कहना है कि जब तक चोरी की बुग्गी, ट्रॉली आएंगी तब तक रेत के दाम में वृद्धि होना मुश्किल है।

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    ओवर लोड गाड़ियां बंद

    ओवर लोड गाड़ियां बंद होने के कारण अब रोड़ी, बजरपुर, कोरसेंट के रेट में वृद्धि हुई है। पहले जो गाड़ी नौ टन की पास थी, वह 15 टन तक वजन ले कर आती थी। इस कारण भाड़ा कम पड़ता था। अब नौ टन पास गाड़ी नौ टन ही माल ला सकती है। इसलिए भाव बढ़े।

    उप्र से माल आना कम

    उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने तथा नई नीतियों के लागू होने के कारण फिलहाल यूपी से सरिया आदि का आना कम हो गया है। इस कारण माल की शॉर्टेज हो गई है। उप्र में अवैध माइनिंग पर रोक लगा दी गई है। हमारी प्रदेश सरकार ने भी माइनिंग पर रोक लगी है। इसका असर रोड़ी कोरसेंट पर पड़ा है।

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    कंपनी से नो ट्रेड बंद

    ओवर सीमेंट में लंबे स्केल पर आपूर्ति में 100 रुपये बैग तक की रियायत दी जाती है। नो ट्रेड (नोट फॉर सेल) के तहत अधिक सीमेंट लागत पर कंपनियां 250 वाला बैग 150 रुपये तक में देती थीं। अब सीमेंट कंपनियों ने नोन ट्रेड बंद कर दिया है। इसलिए सीमेंट के भाव में अंतर आया है।

    उत्तर प्रदेश में 10 जून तक सभी सड़कों के गड्ढे भरने का समय निर्धारित किया गया है। इससे रेत, रोड़ी बजरपुर व सीमेंट की मांग बढ़ी है। अर्थशास्त्र का नियम है कि डिमांड बढ़ने तथा सप्लाई कम होने पर भाव वृद्धि होती है। ऐसे मे अर्थ व्यवस्था को फायदा है।किसानों की फसल बाजार में आ गई है। किसान कंस्ट्रक्शन पर पैसे खर्च करते हैं। मार्च जून, जुलाई में कंस्ट्रक्शन का काम बढ़ जाता है। वित्त वर्ष एक अप्रैल से शुरू होने से लोगों के पास सरपल्स पैसा हो जाता है। इसे वे कंस्ट्रक्शन के काम में लगाते हैं। बिल्डिंग मैटिरियल के दाम बढ़े हैं।भाव वृद्धि का देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर होगा। निर्माण कार्य व इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार का असर भी अर्थव्यवस्था में दिखने लगेगा।

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    अभी बढ़ सकते हैं रेट

    बिल्डिंग मैटिरियल में भाव वृद्धि का असर निर्माण कार्यों पर पड़ रहा है। जो व्यक्ति तीन मंजिल मकान बनाने की तैयारी में थे अब वे दो मंजिल में सब्र कर रहे हैं। प्रमोद बंसल ने बताया कि सीमेंट, सरिये के भाव तो बढ़े हैं, लेकिन मांग कमजोर है। यदि मांग निकलती है तो भाव और अधिक बढ़ सकते हैं।

    बिजनेस पर पड़ेगा फर्क

    सेक्टर 25 में सीमेंट, बालू व सरिया व्यवसायी राजीव सिंगला का कहना है कि टैक्स बढ़ाने व ओवरलोड बंद कर देने से इन वस्तुओं के दामों में वृद्धि हुई है। इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़ेंगे। लोगों को घर बनाना भी महंगा हो जाएगा।

    क्यों हुई सरिया-सीमेंट रोड़ी के दामों में बढ़ोतरी, ये हैं 3 कारण

    बिल्डिंग मैटीरियल में 20 फीसद हुआ इजाफा
    कोरसेंट के दाम में 5-7 रुपये फुट की तेजी
    लोगों की जेब पर बोझ

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