गायक जुबीन गर्ग की मौत की जांच का मामला, भारत ने सिंगापुर से मांगी मदद; सारा सच आएगा बाहर!
केंद्र सरकार ने गायक जुबीन गर्ग की मौत की जांच के लिए सिंगापुर से औपचारिक रूप से सहयोग मांगा है। गृह मंत्रालय ने असम पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर एमएलएटी के प्रावधानों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इससे सिंगापुर के अधिकारियों से सहयोग मिलेगा और आरोपितों को वापस लाने में मदद मिलेगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र ने गायक जुबीन गर्ग की मौत की जांच के लिए परस्पर कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत सिंगापुर से औपचारिक रूप से सहयोग का अनुरोध किया है। असम सरकार ने सोमवार को गृह मंत्रालय से अनुरोध किया था और सिंगापुर में गायक की मौत के संबंध में उस देश के साथ संधि के प्रविधानों का इस्तेमाल करने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट किया कि गृह मंत्रालय ने जुबीन की मौत के संबंध में असम पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को लेकर एमएलएटी के प्रविधानों का औपचारिक रूप से इस्तेमाल किया है। गृह मंत्रालय के अवर सचिव (विधिक) परवीन सिंह ने सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव टी. प्रभाकर को लिखे एक पत्र में कहा है कि मूल पारस्परिक कानूनी सहायता अनुरोध को सिंगापुर के अटार्नी जनरल को भेजा जाए, जिसमें असम पुलिस द्वारा दर्ज मामले की जांच में कानूनी सहायता की आवश्यकताओं का उल्लेख हो।
पत्र में कहा गया है कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर कृपया इसे जांच एजेंसी को भेजने के लिए गृह मंत्रालय को भेज दिया जाए। सरमा ने सोमवार को कहा था कि एमएलएटी का उपयोग होने पर ¨सगापुर के अधिकारियों से पूर्ण सहयोग सुनिश्चित किया जाएगा। इससे आरोपितों को वापस लाने एवं न्याय सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।
क्या है एमएलएटी
परस्पर कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसके जरिये देश एक-दूसरे से आपराधिक मामलों की जांच में मदद मांग सकते हैं। कोई भी देश दूसरे देश से सुबूत, दस्तावेज, बैंक रिकार्ड, गवाहों के बयान और यहां तक कि आरोपित को ट्रेस करने जैसी मदद मांग सकता है। कोर्ट के आदेश, समन, नोटिस भी भारत की एजेंसियां देख सकती हैं।
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