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    SC के जज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना यूट्यूबर को पड़ा भारी; सर्वोच्च न्यायालय ने दिया बड़ा आदेश

    By Agency Edited By: Prince Gourh
    Updated: Fri, 30 May 2025 03:52 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने एक यूट्यूबर द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में संज्ञान लिया है और यूट्यूबर अजय शुक्ला को वीडियो प्रकाशित न करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि इससे न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने की संभावना है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर के खिलाफ सुनाया फैसला (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। चंडीगढ़ के एक यूट्यूबर ने अपने वीडियो में सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया है और यूट्यूबर के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू किया है।

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    क्या है मामला?

    भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई, न्यायमूर्ति एजी मसीह और न्यायमूर्ति एएस चंदूरकर की अवकाश पीठ ने यूट्यूब चैनल को वीडियो प्रकाशित करने से रोक दिया है और यूट्यूब अजय शुक्ला को आपत्तिजनक पोस्ट हटाने का आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई के लिए निर्धारित की गई है।

    सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, "व्यापक रूप से प्रकाशित इस तरह के निंदनीय आरोपों से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने की संभावना है।"

    कोर्ट की टिप्पणी

    कोर्ट ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। लेकिन, यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है और किसी भी व्यक्ति को ऐसे आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जो न्यायालय के न्यायाधीश को बदनाम करने की प्रकृति के हों और अवमाननापूर्ण भी हों।"

    सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने इस मामले को लेकर भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अदालत की सहायता करने को कहा।

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