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    अब पूर्ण क्षमता से काम करेगा सुप्रीम कोर्ट, तीन नए जज हुए शामिल; जस्टिस विजय बिश्नोई ने हिन्दी में ली न्यायाधीश पद की शपथ

    Updated: Fri, 30 May 2025 03:02 PM (IST)

    जस्टिस विजय बिश्नोई ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में हिंदी में शपथ ली। गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस बिश्नोई राजस्थान हाई कोर्ट से हैं। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने उन्हें शपथ दिलाई जिन्होंने भी पहले हिंदी में शपथ ली थी। सुप्रीम कोर्ट में अब न्यायाधीशों की संख्या 34 हो गई है।

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    जस्टिस विजय बिश्नोई ने हिन्दी में शपथ ली।

    माला दीक्षित, नई दिल्ली। अंग्रेजी बोलने और सुनने के आदी सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हिन्दी चली। सुप्रीम कोर्ट के नवनियुक्त न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने हिंदी में शपथ ली। गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद की शपथ हिन्दी में ली।

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    गुवाहाटी HC से सुप्रीम कोर्ट आए जस्टिस बिश्नोई

    जस्टिस बिश्नोई गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद से प्रोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट आएं है लेकिन वे मूलत: राजस्थान के रहने वाले हैं और राजस्थान हाई कोर्ट ही उनका मूल हाई कोर्ट है। राजस्थान हिन्दी भाषी प्रदेश है। जस्टिस विजय बिश्नोई को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) बीआर गवई ने शपथ दिलाई और जस्टिस गवई ने भी गत 14 मई को सीजेआइ पद की शपथ हिन्दी में ली थी।

    तीन नए जजों ने ली शपथ

    सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को तीन नये न्यायाधीशों जस्टिस एनवी अंजारिया, जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर ने सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद की शपथ ली। सीजेआइ बीआर गवई ने तीनों न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। तीन में से दो न्यायाधीशों एनवी अंजारिया और अतुल एस चंदुरकर ने अंग्रेजी में पद की शपथ ली जबकि जस्टिस विजय बिश्नोई ने हिन्दी में शपथ ली।

    तीन नये न्यायाधीशों के पद गृहण करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़ कर 34 हो गई है जो सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण कार्यक्षमता है। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआइ को मिला कर न्यायाधीशों के कुल मंजूर पद 34 हैं। तीन नये न्यायाधीशों के आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश का कोई भी पद रिक्त नहीं है। हालांकि नौ जून को जस्टिस बेला त्रिवेदी सेवानिवृत होंगी और उसके बाद एक रिक्ति फिर हो जाएगी।

    तीन जजों की सेवानिवृति के बाद पद हुए थे खाली

    पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस हृषिकेश राय की सेवानिवृत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के तीन पद रिक्त हो गए थे। जिन्हें भरने के लिए प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की 26 मई को बैठक हुई जिसमें कोलेजियम ने कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया, गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और बांबे हाई कोर्ट के न्यायाधीश अतुल एस चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति करने की सिफारिश की थी।

    इसके बाद सरकार ने कोलेजियम की सिफारिश स्वीकार करते हुए तीनों न्यायाधीशों की सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी और आज शुक्रवार को तीनों न्यायाधीशों ने पद की शपथ लेकर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

    कोलेजियम ने नामों की सिफारिश की थी

    जब कोलेजियम ने इनके नामों की सिफारिश की थी उस समय जस्टिस अंजारिया कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे, उनका मूल हाई कोर्ट गुजरात हाई कोर्ट है, जस्टिस विजय बिश्नोई गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे, उनका मूल हाई कोर्ट राजस्थान हाई कोर्ट है और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर बांबे हाई कोर्ट के न्यायाधीश थे।

    जस्टिस अंजारिया 21 नवंबर 2011 को गुजरात हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए थे जिसके बाद छह सितंबर 2013 को वह स्थाई न्यायाधीश बने और 25 फरवरी 2024 को वह कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।

    जस्टिस विजय बिश्नोई आठ जनवरी 2013 को राजस्थान हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्ति हुए जिसके बाद सात जनवरी 2015 को स्थाई न्यायाधीश बने और पांच फरवरी 2024 को वह गुवाहाटी हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। जस्टिस अतुल एस चंदुरकर 1988 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए बांबे हाई कोर्ट और नागपुर में उन्होंने वकालत की। 21 जून 2013 को वह बांबे हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्ति हुए।

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