Madhuri Gupta: ज्योति से भी खतरनाक थी माधुरी, PAK की धरती से देती थी भारत को धोखा; पढ़ें देश के सबसे बड़े गद्दार की कहानी
Jyoti Malhotra ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर माधुरी गुप्ता (Madhuri Gupta) की कहानी सुर्खियों में आ चुकी है। एक पाकिस्तानी अधिकारी के झूठे प्यार में फंसकर माधुरी ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर लिया था। माधुरी गुप्ता कोई आम नागरिक नहीं थी। वो विदेश सेवा की ग्रुप बी की एक सीनियर अफसर थी जिसने देश की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को दी थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यू-ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA, IB और मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) के अधिकारी ज्योति ले लगातार पूछताछ कर रहे हैं।
ज्योति से पाकिस्तानी कनेक्शन के साथ आतंकवाद से लिंक और पाकिस्तान हाई कमीशन के अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क को लेकर पूछताछ की जा रही है ।
सिर्फ ज्योति ही नहीं, पिछले दो हफ्तों में देश के अलग-अलग जगहों से आठ पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया गया था। ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर माधुरी गुप्ता (Madhuri Gupta) की कहानी सुर्खियों में आ चुकी है। एक पाकिस्तानी अधिकारी के झूठे प्यार में फंसकर माधुरी ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर लिया था।
इस्लामाबाद में माधुरी से हुई थी जमशेद की मुलाकात
माधुरी गुप्ता, कोई आम नागरिक नहीं थी। वो विदेश सेवा की ग्रुप बी की एक सीनियर अफसर थी। उसने जेएनयू से पढ़ाई की थी। फिर UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर विदेश सचिव बनी। उसे 2007 में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रेस और सूचना विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी।
वो इस्लामाबाद में अपना काम पूरी निष्ठा से कर रही थी, जैसे अन्य अधिकारी कर रहे थे। लेकिन कहानी में मोड़ तब आया जब इस्लामाबाद के एक समारोह में उसकी मुलाकात जमशेद से हुई। 52 वर्षीय माधुरी और जमशेद उर्फ जिम के बीच बातचीत शुरू हुई। बातचीत के दौर दोस्ती में बदल गया। धीरे-धीरे 52 वर्षीय माधुरी को अपने से आधे उम्र के जमशेद से प्यार हो गया। जमशेद, एक ISI का प्रशिक्षित एजेंट था।
जमशेद ने माधुरी का किया ब्रेनवॉश
वहीं, दूसरी ओर माधुरी गुप्ता, भारत सरकार से नाराज थी। नाराजगी की वजह थी कि उनकी छुट्टियों को सरकार ने रद कर दिया था। वहीं, उसके वेतन को भी सरकार ने रोक दिया था। जमशेद ने माधुरी के इसी नाराजगी का फायदा उठाया।
जमशेद ने माधुरी को भारत सरकार के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे माधुरी सेना और खुफिया एजेंसी R&AW से जुड़ी गोपनीय जानकारियां ISI को भेजना शुरू कर दीं। माधुरी का जमशेद के लिए प्यार इतना गहरा हो चुका था कि वो इस्लाम कबूल कर इस्तांबुल (तुर्किये) जाने के प्लानिंग कर चुकी थी।
अब ये जान लें कि आखिर माधुरी की गिरफ्तारी कैसे हुई? दरअसल, माधुरी और जमशेद की नजदीकियों पर पाकिस्तान में मौजूद दूतावास के कुछ अधिकारियों पर नजर पड़ी। इसके बाद अधिकारियों को माधुरी गुप्ता की कुछ संदिग्ध गतिविधियों पर शक हुआ।
रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख ने तत्काल हाईलेवल मीटिंग बुलाई। माधुरी गुप्ता को निगरानी में डाल दिया गया। यह मिशन इतना सीक्रेट था कि इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय तक को नहीं दी गई थी। माधुरी गुप्ता को रंगे हाथ पकड़ने के लिए एजेंसी ने जाल बनाया। उसे एक फेक न्यूज दी गई। आखिरकार इंटेलिजेंस एजेंसियों का शक सही साबित हुआ। माधुरी गुप्ता ने यह खबर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी तक लीक कर दी।
इसके बाद साल 2010 में माधुरी को SAARC सम्मेलन की तैयारियों के नाम पर दिल्ली बुलाया गया। दिल्ली आते ही माधुरी को गिरफ्तार कर लिया गया। साल 2018 में अदालत ने माधुरी को दोषी करार दिया। उसे तीन साल की सजा सुनाई गई।
अदालत ने कहा कि उन्होंने जो जानकारी हासिल की, वह दुश्मन देश के लिए काफी उपयोगी हो सकती थी। माधुर ने देश की विदेश नीति से जुड़ी अहम जानकारियों को पाकिस्तान तक पहुंचाया गया था। सजा के बाद माधुरी राजस्थान के भिवाड़ी में अकेली रहने लगीं। साल 2021 में 64 वर्ष की उम्र में उसका निधन हो गया।
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