'युवा शक्ति ही राष्ट्र निर्माण की धुरी', बंगाल में मोहन भागवत ने युवाओं को किया संबोधित
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बंगाल के सिलीगुड़ी में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा शक्ति ही राष्ट्र निर्माण की ...और पढ़ें
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बंगाल में मोहन भागवत ने युवाओं को किया संबोधित (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि युवा शक्ति ही राष्ट्र निर्माण की धुरी हैं। भारत तेजी से वैश्विक गतिविधियों का केंद्र बन रहा है और विविधता के संकट से जूझ रही दुनिया को आने वाले समय में भारत के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ेगी।
यह बातें उन्होंने गुरुवार को दो दिवसीय प्रवास पर बंगाल के सिलीगुड़ी पहुंचने पर युवाओं को संबोधित करते हुए कहीं। विश्वास व्यक्त किया कि भारत विश्वगुरु के रूप में उभरेगा। उत्तर बंगाल के आठ जिलों और पड़ोसी राज्य सिक्किम से आए करीब 7500 युवक-युवतियों की उपस्थिति वाले युवा सम्मेलन में डॉ. भागवत ने कहा कि स्वयं को हिंदू कहने वालों को संगठित होने की आवश्यकता है।
भारत की भक्ति के बिना हिंदुत्व की भावना अधूरी है। संघ पिछले 100 वर्षों से देश सेवा में लगा हुआ है। इस दौरान उसे उपेक्षा, विरोध और आक्रमण का सामना करना पड़ा, लेकिन संगठन कभी नहीं झुका और निरंतर आगे बढ़ता रहा। संघ प्रमुख ने कहा कि संगठन भले ही बड़ा हो, लेकिन लक्ष्य देश के हर व्यक्ति को जोड़ना है।
संविधान पढ़ने पर दिया जोर
संविधान पढ़ने पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारे पूर्वजों, प्राचीन संस्कृति और परंपराओं की चेतना को जीवित रखता है। भाषा, पहनावा, खान-पान और आराध्य देव भले अलग हों, लेकिन संस्कृति और परंपरा के आधार पर सभी सनातनी ¨हदू हैं। समाज और व्यवस्था निर्माण से पहले व्यक्ति निर्माण जरूरी है। जब-जब देश पर संकट आया है, तब-तब समाज जागृत हुआ है।
इस अवसर पर सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, उत्तर बंगाल प्रांत संघचालक हृषिकेश साहा समेत संघ के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। सम्मेलन के दौरान सरसंघचालक ने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए। कार्यक्रम आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा था।

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