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राजनाथ बोले, प्रवासियों से मन का रिश्ता बनाना चाहती है सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार प्रवासी भारतीयों की ओर सिर्फ पूंजी निवेश के लिए नहीं देख रही, बल्कि गहरे संबंध भी बनाना चाहती है। 'प्रवासी भारतीय दिवस' सम्मेलन के आखिरी दिन शुक्रवार को अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि हम आपसे सिर्फ

By Jagran News NetworkEdited By: Fri, 09 Jan 2015 06:37 PM (IST)
राजनाथ बोले, प्रवासियों से मन का रिश्ता बनाना चाहती है सरकार

गांधीनगर।केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार प्रवासी भारतीयों की ओर सिर्फ पूंजी निवेश के लिए नहीं देख रही, बल्कि गहरे संबंध भी बनाना चाहती है। 'प्रवासी भारतीय दिवस' सम्मेलन के आखिरी दिन शुक्रवार को अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि हम आपसे सिर्फ पूंजी निवेश नहीं चाहते.. हमारी इच्छा धन का रिश्ता नहीं, बल्कि मन का रिश्ता बनाने की है। अनिवासी भारतीयों की उपलब्धियों से हम खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। साथ ही भारत के विकास में उनके योगदान को भी हम भूल नहीं सकते।

भारतीय चाहे जिस देश में रहें, उन्हें 'स्वदेशी' बताते हुए राजनाथ ने कहा कि देश के बदलाव में वे कई तरह से योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम एक आत्मसम्मानित, आत्मनिर्भर और मजबूत भारत बनाना चाहते हैं। आपलोगों के योगदान के बिना हम यह लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते। गृह मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि भारत में यदि कुछ बुरा होता है, तो दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने के बावजूद अनिवासी भारतीय भी दुखी महसूस करते हैं।

राजनाथ ने कहा कि महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप मोदी सरकार देश के एकीकृत विकास के लिए काम कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर भी बराबर ध्यान दिया जा रहा है और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने में भारतवंशी हमारी मदद कर सकते हैं।

मोदी सरकार के प्रमुख अभियान 'मेक इन इंडिया' की चर्चा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के सक्रिय समर्थन के बिना भारत को उत्पादन का बड़ा केंद्र बनाना नामुमकिन होगा। इस समय सकल घरेलू उत्पाद में निर्माण क्षेत्र का योगदान 14 फीसद है। सरकार इसे बढ़ाकर 25 से 30 फीसद तक ले जाना चाहती है।

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