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    संघर्षों से भरा रहा बचपन, जूडो में असाधारण उपलब्धि के लिए मिला सम्मान

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 09:09 PM (IST)

    कोंडागांव की 14 वर्षीय जूडो खिलाड़ी योगिता मंडावी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्र से आन ...और पढ़ें

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    योगिता मंडावी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। (फोटो- एक्स) 

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा प्रभावित रहे कोंडागांव जिले के हिर्री गांव की रहने वालीं योगिता मंडावी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार सम्मान विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए जूडो खेल में असाधारण उपलब्धि के लिए दिया गया। 14 वर्षीय योगिता का बचपन संघर्षों से भरा रहा। वह चार वर्ष की भी नहीं थीं कि पिता मायाराम मंडावी तथा माता सुकमती का निधन हो गया। इसके बाद वह कुछ समय तक चाचा-चाची के साथ रहीं।

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    जनवरी 2021 में जिला प्रशासन ने योगिता को राज्य बाल कल्याण परिषद के बालिका बालगृह (कोंडागांव) में प्रवेश दिलाया। यहां उन्होंने 10 वर्ष की आयु में जूडो खेलना शुरू किया। अब योगिता राष्ट्रीय स्तर की जूडो खिलाड़ी हैं और कई मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। माओवादी हिंसा से बस्तर संभाग को मुक्त करने के अभियान में जुटी आइटीबीपी ने वर्ष 2016 में कोंडागांव में जूडो और तीरंदाजी का प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया था।

    योगिता ने इसी केंद्र में ट्रेनिंग लेना शुरू किया और एक वर्ष के भीतर ही राज्य स्तर पर मेडल जीता। उन्हें वर्ष 2024 में दुर्ग में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय जूडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल मिला। योगिता ने खेलो इंडिया क्षेत्रीय प्रतियोगिता 2024 (नासिक) और खेलो इंडिया राष्ट्रीय जूडो प्रतियोगिता 2024 (केरल) में भी सिल्वर मेडल जीता।

    वर्ष 2025 में राज्य स्तरीय ओपन जूडो और राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया। वहीं, राष्ट्रीय ओपन जूडो प्रतियोगिता 2025 (हैदराबाद) में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता। वर्तमान में योगिता भोपाल स्थित स्पो‌र्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।