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    यमुना में केवल 13 निगरानी स्टेशन ही स्नान के मानक पूरा करते हैं, जल शक्ति राज्य मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 11:59 PM (IST)

    सरकार ने संसद में बताया कि यमुना नदी पर स्थित 33 जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों में से केवल 13 ही स्नान मानकों को पूरा करते हैं। दिल्ली में बिना उपचारित सीवेज का प्रवाह नदी की खराब सेहत का मुख्य कारण है। प्रदूषण कम करने के लिए राष्ट्रीय मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) यमुना को पुनर्जीवित करने के प्रयास कर रहा है।

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    यमुना नदी पांच राज्यों में केवल 13 निगरानी स्टेशन (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने संसद में बताया है कि यमुना नदी पर पांच राज्यों में स्थित 33 जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों में से केवल 13 ही वर्तमान में आवश्यक स्नान मानकों को पूरा करते हैं।

    राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अनुसार बिना उपचारित या आंशिक रूप से उपचारित सीवेज का प्रवाह दिल्ली में नदी की खराब सेहत का एक प्रमुख कारण है।

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    इसमें जून 2025 तक 64.555 करोड़ लीटर प्रति दिन (एमएलडी) का उपचार अंतर है। मंत्री ने कहा कि कुछ औद्योगिक क्षेत्रों में सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी) की अनुपस्थिति, साथ ही नए और उन्नत सीवेज परियोजनाओं को पूरा करने में देरी, समस्या को और बढ़ाती है।

    प्रदूषण स्तर को कम करने की कोशिश

    जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्रदूषण स्तर को कम करने और नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत यमुना को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को वित्तपोषित कर रहा है।

    अब तक एनएमसीजी ने 2,243 एमएलडी की सीवेज उपचार क्षमता बनाने के लिए कुल 6,534 करोड़ रुपये की लागत पर 35 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें से 21 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। अकेले दिल्ली में 1,260 एमएलडी से अधिक की संयुक्त उपचार क्षमता वाली नौ प्रमुख सीवेज अवसंरचना परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।

    11 परियोजनाएं हुई पूरी

    उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और वृंदावन जैसे शहरों में इंटरसेप्शन, डायवर्जन और उपचार अवसंरचना में व्यापक कार्य हुआ है। राज्य में स्वीकृत 23 परियोजनाओं में से 11 पूरी हो चुकी हैं, जबकि शेष प्रगति पर हैं या टेंडरिंग चरण में हैं।

    हरियाणा व हिमाचल में भी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिसमें पानीपत और सोनीपत में नए सीवेज उपचार संयंत्र और पौंटा साहिब में एक सीवरेज योजना शामिल है।