कंटेंट हटाने के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा 'एक्स', क्या है पूरा मामला?
एलन मस्क के स्वामित्व वाला इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा। यह अपील सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत कंटेंट हटाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की अस्वीकृति के खिलाफ है। एक्स का तर्क है कि पुलिस द्वारा मनमाने ढंग से कंटेंट हटाने के आदेश नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एलन मस्क के स्वामित्व वाला इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ शीर्ष कोर्ट में अपील दायर करेगा, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) अधिनियम के तहत कंटेंट हटाने का आदेश जारी करने के सरकारी अधिकारियों के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।
एक्स ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा 'सहयोग नामक एक गुप्त ऑनलाइन पोर्टल' के माध्यम से उसके मंच से मनमाने ढंग से सामग्री हटाने का आदेश भारतीय नागरिकों के भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
एक्स ने दी सफाई
एक्स ने अपने आधिकारिक हैंडल के जरिए सोमवार को कहा, "एक्स भारतीय कानून का सम्मान करता है और उसका पालन करता है, लेकिन यह आदेश हमारी याचिका में उठाए गए मूल संवैधानिक मुद्दों को हल करने में विफल रहा है। एक्स भारत में सार्वजनिक संवाद में महत्वपूर्ण योगदान देता है और हमारे उपयोगकर्ताओं की आवाज हमारे मंच के केंद्र में है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे।"
एक्स की याचिका खारिज
कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को एक्स की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इंटरनेट मीडिया को रेगुलेट करने की आवश्यकता है, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में। जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि भारतीय बाजार को ऐसा स्थान नहीं माना जा सकता जहां कानूनों की अवहेलना की जाए।
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