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    अहमदाबाद में तेजी से चल रहा है विश्व के सबसे बड़े मंदिर का निर्माण कार्य, 72 घंटे तक चलेगा कंक्रीट भरने का काम

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 06:16 PM (IST)

    अहमदाबाद के पास बन रहे विश्व उमिया धाम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। मंदिर के 1551 धर्म स्तंभों का कार्य पूरा हो चुका है और अब राफ्ट (स्लैब) बनाने की तैयारी है। 4 से 7 सितंबर तक लगातार 72 घंटे तक स्लैब भरने का कार्य चलेगा जिसमें 24 हजार मीटर कंक्रीट का उपयोग होगा।

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    अहमदाबाद में तेजी से चल रहा है विश्व के सबसे बड़े मंदिर का निर्माण कार्य (फाइल फोटो)

    किशन प्रजापति। अहमदाबाद के नजदीक जासपुर में 100 विधा जमीन पर विश्व के सबसे बडे मंदिर का निर्माण विश्व उमिया धाम द्वारा किया जा रहा है। अभी इस मंदिर के 1551 धर्म स्तंभो का कार्य पूर्ण हो चूका है और अब इस मंदिर के राफ्ट (स्लेब) बनाने की तैयारी कि जा रही है।

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    यह विश्व में धार्मिक क्षेत्र में पहला और भारत में सभी श्रेणियों में सबसे बड़ा कंक्रीट फाउंडेशन है। मंदिर के आधार के लिए स्लैब भरने का कार्य आगामी 4 से 7 सितंबर तक लगातार 72 घंटे तक चलेगा।

    क्रिकेट मैदान जितना बड़ा होगा फाउंडेशन

    यह राफ्ट कास्टिंग 450 फीट लंबाई, 400 फीट चौड़ाई और आठ फीट ऊंचाई तक भरी जाएगी, जिसमें 24 हजार मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जाएगा। यह कंक्रीट फाउंडेशन एक क्रिकेट मैदान जितना बड़ा होगा, जिसमें 600 से अधिक श्रमिक, कारीगर, सुपर वाईजर और अन्य लोग काम करेंगे।

    विश्व उमियाधाम फाउंडेशन के अध्यक्ष आर.पी. पटेल ने बताया कि उमिया माताजी मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें मंदिर के आधार के लिए स्लैब भरने का कार्य 4 से 7 सितंबर तक लगातार 72 घंटे तक चलेगा।

    परिसर में क्या-क्या होगा?

    यह विश्व में धार्मिक क्षेत्र में पहला और भारत में सभी श्रेणियों में सबसे बड़ा कंक्रीट फाउंडेशन होगा, जो एक रिकॉर्ड रहेगा। यह राफ्ट कास्टिंग 450 फीट लंबाई, 400 फीट चौड़ाई और आठ फीट ऊंचाई तक भरी जाएगी, जिसमें 24 हजार मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जाएगा। यह कंक्रीट फाउंडेशन एक क्रिकेट मैदान जितना बड़ा होगा, जिसमें 600 से अधिक श्रमिक, कारीगर, सुपर वाईजर और अन्य लोग काम करेंगे।

    मंदिर के निर्माण कार्य के साथ-साथ परिसर में एक कौशल विश्वविद्यालय, खेल परिसर, छात्रावास, प्रतियोगी प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा। हमारा मुख्य उद्देश्य समाज की समग्र विकास गतिविधियों को बढ़ाकर सभी को जोड़ना है।

    तीन दिनों में कितनी सामग्री इस्तेमाल होगी?

    • 3600 टन सीमेंट और 4400 टन स्टील का इस्तेमाल होगा।
    • 22 आरएमसी प्लांट तैयार किए जाएँगे।
    • आरएमसी प्लांटों से आपूर्ति के लिए 150 से ज़्यादा ट्रांजिट मिक्सर का इस्तेमाल किया जाएगा।
    • कंक्रीट डंपर 4000 से ज़्यादा चक्कर लगाएँगे।
    • 25 कंक्रीट पंप और तीन बूम प्लेसर भी होंगे।
    • 24,000 घन मीटर कंक्रीट का उपयोग क्रिकेट मैदान के आकार के एक राफ्ट को भरने के लिए किया जाएगा
    • दुनिया के सबसे बड़े मंदिर की नींव के काम के लिए लगातार 72 घंटे तक चलेगा काम
    • दुनिया की सबसे बड़ी कंक्रीट नींव तैयार होगी
    • विश्व उमियाधाम में 4 से 7 सितंबर तक राफ्ट (स्लैब) भरने का कार्य किया जाएगा, जिसमें 600 से अधिक श्रमिक, कारीगर, सुपर वाइजर और अन्य लोग मिलकर एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे।

    मंदिर की विशेषताएं

    • यह 100 विधा जमीन पर 1000 करोड़ रुपये की लागत वाली एक सामाजिक प्रोजेक्ट है।
    • मंदिर की ऊँचाई 504 फीट है, जिसमें 300 फीट की ऊँचाई पर स्थित व्यू गैलरी से अहमदाबाद का दृश्य देखा जा सकेगा।
    • एक समय में 10 हज़ार लोगों के दर्शन की व्यवस्था होगी।
    • मंदिर में लिफ्ट और यात्री व्यवस्था भी होगी।
    • इस मंदिर के निर्माण में शिव और शक्ति की मूर्तियाँ ज़मीन से 51 फीट की ऊँचाई पर स्थापित की जाएँगी।
    • मंदिर का निर्माण कैलाश और सोमनाथ को जोड़ने वाली लाइन पर किया जा रहा है।
    • मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव दिसंबर 2027 में मनाया जाएगा।
    • यह मंदिर आस्था, ऊर्जा और एकता का प्रतीक होगा।
    • इस मंदिर की वास्तुकला भारतीय-जर्मन डिज़ाइन का मिश्रण है।

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