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    फिर चल पड़ा दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग, A23a हिमखंड पर क्यों टिकी है वैज्ञानिकों की नजर?

    Updated: Tue, 17 Dec 2024 06:21 PM (IST)

    विश्व का सबसे बड़ा हिमखंड A23a एक बार फिर से चल पड़ा है। पिछले कई महीनों से यह टेलर कॉलम में फंसा था और स्थिर था। हिमखंड की हर क्रिया पर वैज्ञानिकों की नजर है। एक ट्रिलियन टन वजनी और ग्रेटर लंदन के आकार से दोगुने एरिया में फैला यह हिमखंड साल 2020 में अपनी क्रमिक गति को शरू करने से पहले तीन दशकों तक वेडेल सागर में स्थिर था।

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    फिर चल पड़ा दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग (फोटो- सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व का सबसे पुराना और और बड़ा माना जाने वाला विशाल हिमखंड (आइसबर्ग) एक बार फिर से चल पड़ा है। इसके हर क्रिया पर वैज्ञानिकों की नजर है। दरअसल, यह पिछले कई महीनों तक साउथ ऑर्कनी द्वीप समूह के पास रुका था। माना जा रहा था कि यह टेलर कॉलम में फंसा था, इसके बाद यह फिर से चल पड़ा है।

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    उत्तर की ओर बढ़ रहा हिमखंड

    यह हिमखंड उत्तर की ओर बढ़ रहा है। बताया जाता है कि करीब एक ट्रिलियन टन वजनी और ग्रेटर लंदन के आकार से दोगुने एरिया में फैला यह हिमखंड साल 2020 में अपनी धीमी गति को शुरू करने से पहले करीब तीन दशकों तक वेडेल सागर में स्थिर था। यह 1986 में फिल्चनर-रोने बर्फ शेल्फ से अलग हुआ था।

    ट्रैक करने के लिए टीम तैयार

    ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण (बीएएस) के समुद्र वैज्ञानिक की मानें तो हिमखंड की गति में यह परिवर्तन चल रहे अध्ययनों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम यह ट्रैक करने के लिए उत्सुक है कि क्या A23a अन्य बड़े अंटार्कटिक हिमखंडों द्वारा अपनाए गए उसी रास्ते पर चलेगा और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके प्रभाव का आकलन करेगा। फिल्चनर-रोने बर्फ शेल्फ से अलग होने के बाद से ही वैज्ञानिक इस पर नजर बनाए हुए हैं।

    हिमखंड के आगे बढ़ने से एक बात साफ है कि यह हिमखंड फिर से आजाद हो गया है, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह समुद्री धाराओं के साथ गर्म पानी और दक्षिण जॉर्जिया के सुदूर द्वीप की ओर बहता रहेगा। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण ने विगत शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वहां पर इसके टूटने और आखिरकार पिघलने की उम्मीद है।

    जानकारी दें कि ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण पोत RRS सर डेविड एटनबरो पर सवार शोधकर्ता स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके प्रभावों को समझने के लिए A23a की निगरानी कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि ये बड़े हिमखंड अक्सर उन जल को समृद्ध करते हैं जिनसे वे गुजरते हैं, जिससे अन्यथा बंजर क्षेत्रों में जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस हिमखंड के आगे का विश्लेषण इस बात पर केंद्रित होगा कि हिमखंड की उत्पत्ति और आकार इन प्रक्रियाओं को कैसे प्रभावित करते हैं।

    सबसे बड़ा आइसबर्ग

    गौरतलब है कि 1980 के दशक के बाद 'सबसे बड़ा आइसबर्ग' होने का रिकॉर्ड A23a के पास रहा है। हालांकि, कुछ आइसबर्ग बीच में ही पिघल गए, जिसमें 2017 में A68 और 2021 में A76 शामिल हैं।

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