Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिजर्व बैंक अॉफ इंडिया ने लगाई सिक्के बनाने पर रोक, जानिए- क्या है वजह

    By Srishti VermaEdited By:
    Updated: Thu, 11 Jan 2018 02:07 PM (IST)

    रिजर्व बैंक के सूत्रों के अनुसार समय-समय पर यह आकलन करते रहना पडता है कि सिक्कों का प्रसार व भंडारण क्षमता और उत्पादन के बीच कितना संतुलन है।

    रिजर्व बैंक अॉफ इंडिया ने लगाई सिक्के बनाने पर रोक, जानिए- क्या है वजह

    कोलकाता/मुंबई (एजेंसी)। कोलकाता, मुंबई, नोएडा और हैदराबाद में चार सरकारी टकसालों में सिक्के बनाने का काम रोक दिया गया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इनके भंडारण के लिए जगह की कमी और बाजार में सिक्कों की भरमार को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इन टकसालों को चलाने वाली सरकारी कंपनी सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भंडारण और उत्पादन में संतुलन...

    रिजर्व बैंक के सूत्रों के अनुसार समय-समय पर यह आकलन करते रहना पडता है कि सिक्कों का प्रसार व भंडारण क्षमता और उत्पादन के बीच कितना संतुलन है। कंपनी के मुताबिक 8 जनवरी 2018 तक सरकारी टकसालों में प्रसार के लिए 252.80 करोड़ सिक्के रखे हुए थे। सिक्के बनाने का काम रोके जाने से टकसाल के कर्मचारी खुश नहीं हैं क्योंकि इससे उनके भुगतान पर असर पडेगा। कोलकाता की टकसाल में 1,400 कर्मचारी हैं।

    यूपी में भिखारी भी नहीं ले रहे एक रुपए के छोटे सिक्के

    केंद्र सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं है, फिर भी भिखारियों ने एक रुपए के छोटे वाले सिक्के को लेना बंद कर दिया है। ऐसा सिर्फ रामपुर में ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों और शहरों में भी हो रहा है। नवंबर 2016 में पांच सौ और एक हजार रुपए की बंदी के बाद बाजार में सिक्कों की बहुतायत हो गई। इससे व्यवहारिक दिक्कतें आने लगीं। ग्राहक और दुकानदार भी सिक्के नहीं ले रहे। इन सिक्कों को दुकानदार यदि बैंक में जमा करने जाएं तो वहां भी नहीं लिए जा रहे। अब भिखारी भी एक रुपए के सिक्के नहीं ले रहे। रेलवे स्टेशन के पास भीख मांग रहे गंगाराम ने कहा कि आज के दौर में एक रुपए में कुछ नहीं मिलता। पहले सिक्के इकट्ठा करके दुकानदारों को दे देते थे, लेकिन अब वह भी नहीं ले रहे। जब कुछ मिलता नहीं और दुकानदार इसे लेते नहीं तो हम क्यों लें। इसी तरह बस अड्डे पर भीख मांग रहे अब्दुल ने कहा कि कई बार सिक्का न लेने पर लोग बुरा भला कह जाते हैं।

    प्रदर्शन तक कर चुके हैं व्यापारी

    उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी ने बताया कि पैसों का ट्रांजेक्शन न होने से समस्या होती है। दुकानदारों के पास दिनभर में सैकडों सिक्के इकट्ठा हो जाते हैं। वह जब इन सिक्कों को बैंकों में जमा करने जाते हैं तो कर्मचारी लेने से मना कर देते हैं। बैंकों की इस मनमानी पर कई बार प्रदर्शन किया गया। नोटबंदी के बाद से लोगों ने सिक्के बंद होने की अफवाह फैला दी, जिससे दिक्कत शुरू हुई।

    दूसरी तरफ, रिजर्व बैंक का मानना है कि बाजार में सिक्कों की कमी है, जिसके चलते वह सिक्के बैंकों को भेज रहा है। साथ ही आदेश है कि एक हजार रुपए तक के सिक्के जमा किए जाएं।- अजीत कुमार, चीफ मैनेजर, एसबीआई मुख्य शाखा

    यह भी पढ़ें : उज्जैन के महाकाल मंदिर में शीघ्र दर्शन करना हुआ अब और आसान, जानें कैसे

    comedy show banner
    comedy show banner