आसाराम केस के मुख्य गवाह कृपाल सिंह की मौत
दुष्कर्म के आरोप में फंसे कथावाचक आसाराम के केस के मुख्य गवाह कृपाल सिंह की शनिवार रात मौत हो गई। उन्हें शुक्रवार रात घर लौटते समय अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारी थी। हालत बिगड़ने पर उन्हें शुक्रवार देर रात ही बरेली के मिशन हॉस्पिटल के लिए रेफर कर
जागरण संवाददाता, बरेली। दुष्कर्म के आरोप में फंसे कथावाचक आसाराम के केस के मुख्य गवाह कृपाल सिंह की शनिवार रात मौत हो गई। उन्हें शुक्रवार रात घर लौटते समय अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारी थी। हालत बिगड़ने पर उन्हें शुक्रवार देर रात ही बरेली के मिशन हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया था, जहां उनकी मौत हो गई।
कृपाल की पीठ में गोली मारी गई थी, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसी के चलते घटना के तत्काल बाद उनके दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और वह वेंटिलेटर पर थे। मृत्यु पूर्व बयान में उन्होंने आसाराम के तीन गुर्गों पर हमले का शक जताया था, जो उन्हें कई बार धमकी दे चुके थे। आसाराम मामले से जुड़े यह तीसरे गवाह की हत्या है।
इससे पहले बरेली के मिशन हॉस्पिटल में भर्ती कृपाल की गोली निकाली जा चुकी थी, मगर उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। शनिवार को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बरेली और लखनऊ में छापेमारी की गई।
अजय को छूती हुई कृपाल को लगी गोली
कृपाल सिंह को मारने आए बदमाश शुक्रवार को उसके पीछे लगे हुए थे। बाइक पर पीछे बैठा एक बदमाश तमंचे को रुमाल से ढके सही वक्त का इंतजार करते कृपाल के पीछे चल रहा था। ग्वालटोली टोली चौराहा के निकट बदमाश ने गोली दाग दी जो आगे के बाइक सवार अजय यादव को छूती हुई कृपाल को जा लगी। चश्मदीद अजय यादव ने शनिवार को जागरण को बताया कि वह दुकान से अपने घर लौट रहा था, तभी यह घटना घटी। जख्म पर तौलिया लपेटकर खून का बहाव रोकने की कोशिश की गई। पुलिस के आने पर करीब आधा घंटे बाद कृपाल अस्पताल पहुंच सके।
मुकदमे का वादी भी निशाने पर
शाहजहांपुर : कृपाल पर हमले के बाद आसाराम के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली बहादुर बेटी के पिता पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। उन्होंने भी जानलेवा हमले की आशंका जताई है। इस हालात के लिए पुलिस की ढिलाई भी वजह बनी है। यह जानते हुए भी कि एक के बाद एक केस के गवाह निशाना बनाए जा रहे हैं, मुख्य वादी की सुरक्षा महज दो पुलिसकर्मियों के हवाले है। पिता के अनुसार आसाराम ने शुरुआती दिनों में उन्हें घेरने की कोशिश की। प्रलोभन दिया, धमकियां दीं, मगर उन्होंने कोई समझौता नहीं किया। देश-दुनिया में चर्चा हुई तो मुकदमे के गवाह एक-एक करके निशाना बनाए जाने लगे। जिसका सीधा असर केस पर पड़ने लगा। फिर भी पीड़ित पिता लगातार तमाम आशंकाओं के बीच केस की पैरवी करने को आते-जाते हैं।