CPEC को रोकने के लिए बलूचिस्तान ने लगाई भारत से मदद की गुहार
बलूचिस्तान में चीन के सहयोग से बन रहे आर्थिक कॉरिडाेर को रोकने के लिए वहां के नेता मीर सुलेमान अहमदजई ने भारत से मदद की अपील की है।
जिनेवा (एएनआई)। चीन और पाकिस्तान से गठजोड़ से बन रहे इकनॉमिक कॉरिडोर पर पाकिस्तान में मौजूद बलूचिस्तान के लोग हमेशा से ही विरोध करते रहे हैं। अब बलूचिस्तान ने इस आर्थिक कॉरिडोर को रोकने के लिए भारत से मदद की गुहार लगाई है। बलूचिस्तान के वरिष्ठ नेता मीर सुलेमान अहमदजई ने सीधेतौर पर कहा है कि इस कॉरिडोर का बलूचिस्तान और वहां के लोगों को कोई फायदा नहीं है। उन्होंने एक सेमिनार के बाद मीडिया से कहा कि बलूचिस्तान में विकास को हमेशा से ही अनदेखा किया जाता रहा है। मानवाधिकार जैसा वहां पर कुछ भी नहीं है।
अहमदजई का कहना था कि आर्थिक कॉरिडोर यहां के विकास में कोई भूमिका नहीं निभाएगा। इसके उलट इसकी वजह से यहां के संसाधनों को इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर आर्थिक कॉरिडोर का निर्माण कर पाकिस्तान जो खुद यहां पर अतिक्रमण किए हुए वह दूसरे को इसका कब्जा दे रहा है। यहां के लोगों के अधिकारों के हनन के बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लाेगों को किसी तरह की कोई आजादी नहीं है। न तो वह अपनी जमीन का इस्तेमाल अपने मुताबिक कर सकते हैं और न ही अपनी जमीन को वापस मांग सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह यहां पर भारत से मदद की आस में आए हैं।
आर्थिक कॉरिडोर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत से पहले पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के लोगों से कई वायदे किए थे। उस वक्त पाकिस्तान की सरकार ने कहा था कि इस कॉरिडोर से बलूचिस्तान में विकास के नए मार्ग खुलेंगे। लेकिन सच्चाई इसके उलट है। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान पिछले सत्तर वर्षों से बलूचिस्तान की जनता के साथ झूठ बोलता आया है। उसके खाने और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं। वह अपने यहां पर आतंकियों की फसल उगाता है और पड़ोसी देशों में हमले करवाता है।
गौरतलब है कि अहमदजई बलूचिस्तान के वरिष्ठ नेता है और उन्हें खान ए कलात के टाइटल से नवाजा जा चुका है। पाकिस्तान को लेकर बलूचिस्तान के लोगों की नाराजगी इससे पहले भी कई बार जगजाहिर हुई है। बलूच वॉयस फाउंडेशन के अध्यक्ष मुनीर मंगल ने भी आर्थिक कॉरिडोर को लेकर यही नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने भी पाकिस्तान सरकार पर इसके जरिए वहां के संसाधनों के दोहन का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बलूचिस्तान का दोस्त करार दिया है।
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