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    Mahatma Gandhi: इस एक वजह से महात्मा गांधी ने छोड़ दिया था साबरमती आश्रम, पत्नी के साथ चले गए थे महाराष्ट्र

    By Mahen KhannaEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 31 Jul 2023 05:02 PM (IST)

    Mahatma Gandhi दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के साबरमती नदी के किनारे आश्रम बनाया और यहीं रहने लगे। हालांकि साल 1933 में उन्होंने आश्रम को छोड़ दिया और मुंबई चले गए। गांधी जी ने आश्रम को क्यों छोड़ा इसके पीछे भी एक बड़ी वजह थी। आइए जानते हैं गांधी जी ने आश्रम क्यों छोड़ा था...

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    Mahatma Gandhi गांधी जी ने साबरमती आश्रम को क्यों छोड़ा।

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Mahatma Gandhi गुजरात के अहमदाबाद का नाम आए और महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम की बात न की जाए, ये हो नहीं सकता। आज के दिन यानी 31 जुलाई का देश की आजादी में बड़ा महत्व है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के साबरमती नदी के किनारे आश्रम बनाया और यहीं रहने लगे। 

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    इसी आश्रम से गांधी जी ने स्वतंत्रता की अलख लोगों में जगाई थी। हालांकि, साल 1933 में उन्होंने आश्रम को छोड़ दिया और मुंबई चले गए। गांधी जी ने आश्रम को क्यों छोड़ा इसके पीछे भी एक बड़ी वजह थी। आइए जानते हैं गांधी जी ने आश्रम क्यों छोड़ा था...

    पहले कहा जाता था सत्याग्रह आश्रम

    साबरमती आश्रम को पहले सत्याग्रह आश्रम कहा जाता था। इसकी स्थापना 25 मई 1915 को हुई थी। अफ्रीका से लौटने के बाद गांधी जी ने कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद अहमदाबाद में ही रहने की सोची। इसके बाद गांधी जी के गुजरात में रहने की मंशा जानने के बाद उनके दोस्त जीवनलाल देसाई ने उन्हें अपने बंगले में रहने को कहा।

    बाद में साबरमती नदी के किनारे बसा आश्रम

    गांधी जी के रहने के बाद इस बंगले का नाम सत्याग्रह आश्रम रख दिया गया। गांधी जी कुछ दिन तो वहां रहे, लेकिन वहां से गांधी जी पशुपालन, खेती और ग्रामोद्योग की गतिविधियां नहीं चला पा रहे थे। इसके बाद साबरमती नदी के पास 35 एकड़ की जमीन पर आश्रम का निर्माण किया गया। नदी के पास होने के चलते बाद में इसका नाम साबरमती आश्रम ही कहा जाने लगा।

    आश्रम पर अंग्रेजों ने किया कब्जा

    इसी आश्रम से ही गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को दांडी यात्रा शुरू की। इस यात्रा को नमक सत्याग्रह भी कहा जाता है। यात्रा साबरमती आश्रम से शुरू होकर दांडी तक 241 किमी तक की थी। इस आंदोलन में लाखों लोगों के जुड़ने से अंग्रेजों की सरकार हिल गई थी।  

    ब्रिटिश सरकार को इतना डर लग गया था कि उसने आंदोलन में शामिल 60 हजार लोगों को जेल में डाल दिया था। इसके बाद साबरमती आश्रम को भी सील कर दिया गया था।

    महात्मा गांधी ने इसलिए छोड़ा आश्रम

    अंग्रेजों द्वारा आश्रम पर कई तरह की रोक लगाए जाने के बाद आखिर में गांधी जी ने 31 जुलाई 1933 को साबरमती आश्रम छोड़ दिया। यहां से गांधी जी अपनी पत्नी के साथ महाराष्ट्र के सेवाग्राम आश्रम में रहने लगे थे।