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कौन है वाइस एडमिरल आरती सरीन? जो बनीं सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की पहली महिला DG

वाइस एडमिरल डा.आरती सरीन ने मंगलवार को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक (डीजीएएफएमएस) का पदभार संभाल लिया। वह इस पद पर पहुचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। 38 वर्ष के अपने लंबे करियर में वे कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं। सबसे खास बात ये है कि उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेनाओं में सेवा करने का दुर्लभ गौरव हासिल है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 01 Oct 2024 08:17 PM (IST)
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सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की पहली महिला DG बनी एडमिरल आरती सरीन

पीटीआई, नई दिल्ली: वाइस एडमिरल डा.आरती सरीन ने मंगलवार को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक (डीजीएएफएमएस) का पदभार संभाल लिया। वह इस पद पर पहुचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। 38 वर्ष के अपने लंबे करियर में वे कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं।

सबसे खास बात ये है कि उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेनाओं में सेवा करने का दुर्लभ गौरव हासिल है। उन्होंने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट से लेकर कैप्टन तक, भारतीय नौसेना में सर्जन लेफ्टिनेंट से लेकर सर्जन वाइस एडमिरल तक और भारतीय वायु सेना में एयर मार्शल के रूप में कार्य किया है।

पुणे की निदेशक और कमांडेंट जैसे प्रतिष्ठित पदों पर किया कार्य

रक्षा मंत्रालय के अनुसार 46वें डीजीएएफएमएस का पदभार संभालने से पहले फ्लैग आफिसर मेडिकल सर्विसेज नौसेना की महानिदेशक, मेडिकल सर्विसेज वायु सेना की महानिदेशक और सशस्त्र बल मेडिकल कालेज (एएफएमसी) पुणे की निदेशक और कमांडेंट जैसे प्रतिष्ठित पदों पर कार्य कर चुकी हैं।

सरीन एएफएमसी पुणे की पूर्व छात्रा हैं और उन्हें दिसंबर 1985 में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में नियुक्त किया गया था। उन्होंने एएफएमसी पुणे से रेडियोडायग्नोसिस में एमडी और टाटा मेमोरियल हास्पिटल मुंबई से रेडिएशन आंकोलाजी में डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड की डिग्री प्राप्त की है।

नाइफ सर्जरी में प्रशिक्षण भी हासिल

साथ ही उन्होंने पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय से गामा नाइफ सर्जरी में प्रशिक्षण भी हासिल किया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सरीन को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 2024 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2021 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें विशिष्ट सेवा के लिए चीफ आफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन (2017), चीफ आफ नेवल स्टाफ कमेंडेशन (2001) और जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ कमेंडेशन (2013) से भी नवाजा जा चुका है।

सरीन को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा चिकित्सा पेशेवरों के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों और प्रोटोकाल तैयार करने के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य के रूप में भी नियुक्त किया गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वह युवा महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में सबसे आगे रही हैं और सरकार की नारी शक्ति पहल की प्रतीक भी हैं।