क्या है रामसेतु मामला?
देश के दक्षिणपूर्व तट पर रामेश्वरम और पड़ोसी देश श्रीलंका के पूर्वोत्तर में स्थित मन्नार द्वीप के बीच चूने की उथली चंट्टानों की लम्बी श्रृंखला है, इसे हिन्दू समुदाय भगवान राम से जोड़कर देखता है। मान्यता है कि जब असुर सम्राट रावण माता सीता का हरण कर उन्हें लंका ले गया था तब भगवान श्रीराम ने वानरों की सहायता से इस सेतु का
नई दिल्ली। देश के दक्षिणपूर्व तट पर रामेश्वरम और पड़ोसी देश श्रीलंका के पूर्वोत्तर में स्थित मन्नार द्वीप के बीच चूने की उथली चंट्टानों की लम्बी श्रृंखला है, इसे हिन्दू समुदाय भगवान राम से जोड़कर देखता है। मान्यता है कि जब असुर सम्राट रावण माता सीता का हरण कर उन्हें लंका ले गया था तब भगवान श्रीराम ने वानरों की सहायता से इस सेतु का निर्माण किया था। इसी सेतु को कालांतर में देशवासी 'रामसेतु' और विश्व में 'एडम्स ब्रिज' कहा जाता है। रामसेतु की लंबाई तकरीबन 48 किलोमीटर है और ये मन्नार की खाड़ी और पॉक स्ट्रेट को एक-दूसरे से जोड़ता है। इस इलाके में समंदर काफी उथला है इसी वजह से यहाँ जल यातायात प्रभावित होता है।
पूर्वी एशिया से देश में आने वाले पानी के जहाजों के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाने के लिए सेतुसमुद्रम परियोजना का ढांचा तैयार किया गया। इस योजना के तहत 30 मीटर चौड़े, 12 मीटर गहरे और 167 मीटर लंबे समुद्री चैनल के निर्माण का प्रस्ताव है, जिसका मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर में पाक जलडमरूमध्य के मध्य एक रास्ता निर्मित करना है।
विवाद
मन्नार की खाड़ी जैविक रूप से देश में बाकि तटों की अपेक्षा कहीं अधिक धनाढ्य है। यहां पौधों और समुद्री जीवों की 3,600 से भी अधिक प्रजातियां निवास करती हैं। पर्यावरण जानकारों के मुताबिक, इस मार्ग के निर्माण से इन प्रजातियों के जीवन पर खतरा मंडराने लगेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, रामसेतु के विध्वंस से समय-समय पर सुनामी केरल की तबाही की नयी इबारत लिखने लगेगी। हजारों मछुआरे जिनके घर इसी से चल रहे हैं, जिनके बच्चे इसी से कमाई गयी रकम से पढते हैं वो बेरोजगार हो जाएंगे। इसके साथ ही दुर्लभ शंख-सीप से होने वाली करोड़ों रुपए की वार्षिक आय बंद हो जाएगी। यही नहीं यूरेनियम के विकल्प थोरियम का विश्व में सबसे बड़ा भंडार यहीं है जो रामसेतु को तोड़ देने के बाद देश के हाथ से निकल जायेगा। यही नहीं सेतुसमुद्रम परियोजना को लेकर कोस्ट गार्ड संगठन ने भी आपत्ति जताई थी कि इस परियोजना से देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो जायेगा। ये भी कहा गया कि संभव है कि इस चैनल का प्रयोग आतंकवादी करें।
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