Unseasonal Rain In India: कभी बारिश तो कभी गिरे ओले..मार्च और अप्रैल के महीने में आखिर क्यों बेमौसम बरसे बादल?
देश के कई हिस्सों में लगातार मौसम में बदलाव हो रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण मार्च और अप्रैल के महीने में गर्मी पड़ने की जगह बारिश हो रही है। मौसम के हालात पर पढे़ं स्पेशल रिपोर्ट। (जागरण ग्राफिक्स)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Unseasonal Rain In India: भारत के कई शहरों में इस साल मार्च और अप्रैल के महीने में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बेमौसम बारिश हो रही है। जहां पहले मार्च और अप्रैल की महीने में गर्मी की शुरुआत होने लगती थी वहीं, अब इस साल बारिश तो कभी ओले भी देखने को मिले हैं।
पिछले साल इन महीनों में अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री दर्ज किया गया था। अगर इस समय की बात करें तो दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के आसपास है। इस दौरान ज्यादा गर्मी का भी अनुभव नहीं हो रहा है।सामान्य तौर पर इस महीने में बारिश नहीं होती है। क्या आपको पता है इन महीनों में बेमौसम बारिश होने के पीछे वास्तव में क्या वजहें हैं और इसका कृषि पर क्या असर पड़ेगा?
क्या है बेमौसम बारिश होने की पीछे अहम वजह
बेमौसम बारिश होने की सबसे अहम वजह पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय होना माना जा रहा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक भूमध्यसागर क्षेत्र से उठे तूफानों के चलते पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है और इसके चलते उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत में बादल बरस रहे हैं। मार्च और अप्रैल में पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय रहे हैं, यही कारण हैं कि हम इन महीनों में बारिश देख रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ के कारण अफगानिस्तान और उसके आसपास के इलाकों में चक्रवात की स्थिति भी पश्चिमी विक्षोभ के कारण बनी है और भारत में बारिश इसके असर से हो रही है। मौसम विज्ञानिकों के मुताबिक मार्च और अप्रैल के महीने में कुल चार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो चुके हैं, जिसके कारण बैमोसम बारिश हो रही है।
ग्लोबल वार्मिंग
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, लगातार बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग भी बेमौसम बारिश होने की एक अहम वजह है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ध्रुवीय सिरे पर बर्फ पिघल रही है, जिसके कारण समुद्र का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इस कारण कई तटीय क्षेत्रों में बारिश हो रही है। समुद्र का जल स्तर बढ़ने के कारण पानी का अधिक वाष्पीकरण हो रहा है, जिस कारण बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हो रही है।
जलवायु परिवर्तन
मार्च और अप्रैल के महीने में हो रही बैमोसम बारिश का एक कारण जलवायु परिवर्तन भी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक कई अध्ययनों के बाद जलवायु परिवर्तन भी बेमौसम बारिश होने की वजह है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिक ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की पुष्टि तभी की जा सकती है जब यह प्रवृत्ति 30 वर्षों तक जारी रहे।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ या western disturbance ऐसे तूफान हैं जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी क्षेत्रों में आते हैं, भूमध्य सागर, अटलांटिक महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से वातावरण की उच्च परतों में नमी लाते हैं, जिसके कारण अचानक आंधी और बारिश होती है। यह हिम के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल पर पड़ती है।
यह भी पढ़ें- Ludhiana Gas Leak: फैक्ट्री में गैस रिसाव से 11 लोगों की मौत; मची अफरा-तफरी; इलाके को किया गया सील
बेमौसम बारिश की मार से किसान परेशान
बेमौसम बारिश के कारण किसानों को नुकसान पहुंचा है। तेज हवाओं और बारिश से खड़ी फसल टूट कर खेतों में बिछ गई और कटी फसलों में पानी भर गया है। दोनों ही स्थिति में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में पक कर खड़ी गेहूं और दलहनी फसलों पर पानी पड़ने से काफी नुकसान हुआ है। साथ ही साथ मसूर, चना, मटर, आलू आदि के फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। इसके कारण किसानों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है।
कितना हुआ फसलों को नुकसान
पंजाब में ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश ने पहले ही खेती के तहत लगभग चार लाख हेक्टेयर भूमि को प्रभावित किया है। गेहूं के अलावा, रबी फसल, अंगूर और आम जैसे फलों सहित कई अन्य फसलें; गोभी, शिमला मिर्च, और भिंडी जैसी सब्जियों की खेती को भी नुकसान पहुंचा है। मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में खेत और बागवानी दोनों फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। नासिक, महाराष्ट्र में लगभग 5-10% प्याज की फसल खराब हो गई है। इसके कारण अंगूर की उपज में 8-10% की गिरावट आने की उम्मीद है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।