बंगाल में 9 साल बाद हुई SSC की परीक्षा, तीन लाख से अधिक परीक्षार्थी हुए शामिल
पश्चिम बंगाल में नौवीं-दसवीं कक्षाओं के सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा नौ साल बाद कड़ी निगरानी में हुई। 2016 के पैनल को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था जिसके बाद यह पहली परीक्षा है। लगभग तीन लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने 636 केंद्रों पर परीक्षा दी। 14 सितंबर को 11वीं-12वीं कक्षाओं के शिक्षकों की भर्ती परीक्षा होगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में नौ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद रविवार को बेहद कड़ी निगरानी में नौवीं-दसवीं कक्षाओं में सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) की परीक्षा हुई। इससे पहले 2016 में यह परीक्षा हुई थी। मालूम हो कि शिक्षक भर्ती घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 26,000 शिक्षकों व गैर-शिक्षकों को नौकरी से निकाले जाने के बाद यह पहली परीक्षा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के पैनल को निरस्त कर दिया है। एसएससी सूत्रों ने बताया कि तीन लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। राज्यभर में कुल 636 केंद्रों पर बेहद कड़ी निगरानी में परीक्षा हुई। जारी दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षार्थी सुबह 10 बजे ही अपने परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गए थे।
सचित्र पहचान पत्रों की अच्छी तरह से जांच करने के बाद परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने दिया गया। एडमिट कार्ड की जांच के लिए विशेष बार कोड की व्यवस्था की गई थी। दोपहर 12 बजे से परीक्षा शुरू हुई। किसी भी परीक्षा केंद्र से गड़बड़ी की खबर नहीं मिली है।
परीक्षा देने दूसरे राज्यों से भी सैकड़ों छात्र पहुंचे थे। मालूम हो कि परीक्षा के लिए कुल 3,19,919 परीक्षार्थियों ने नामांकन कराया था। इसके बाद अगले रविवार यानी 14 सितंबर को 11वीं-12वीं कक्षाओं में सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा होगी। दोनों परीक्षाओं के माध्यम से कुल 35,726 पद भरे जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने परीक्षा के सफल संचालन पर बधाई दी
शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने परीक्षा के सफल संचालन पर बधाई देते हुए एक्स पर लिखा-'परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हुई है। मैं इसके लिए सभी परीक्षार्थियों, डब्ल्यूबीएसएससी व स्कूल शिक्षा विभाग व सभी संबद्ध अधिकारियों को बधाई देता हूं।
परीक्षा देने यूपी-बिहार व झारखंड से पहुंचे सैकड़ों छात्र
परीक्षा देने यूपी-बिहार व झारखंड से भी सैकड़ों छात्र पहुंचे। यूपी से आए छात्रों ने कहा कि उनके राज्य में 2022 में आखिरी बार शिक्षकों की भर्ती की परीक्षा हुई थी। उसके बाद से रिक्तियां नहीं हैं। वहीं बिहार व झारखंड से आए छात्रों ने कहा कि उनके राज्यों में भ्रष्टाचार के कारण योग्य उम्मीदवारों को नौकरी नहीं मिल पा रही है इसलिए वे बंगाल आकर भाग्य आजमा रहे हैं।
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